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'कार्टूनिस्ट, कॉमेडियन अपना आचरण देखें', PM मोदी पर बनाए कार्टून को सुप्रीम कोर्ट ने 'भड़काऊ' बताया

Hemant Malviya पर इस साल मई में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर मामला दर्ज कराया गया था. Madhya Pradesh High Court में जमानत याचिका खारिज होने के बाद हेमंत मालवीय ने राहत के लिए Supreme Court का दरवाजा खटखटाया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत मालवीय को फटकार लगाई है. (इंडिया टुडे)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय (Hemant Malviya) को फटकार लगाई है. कोर्ट ने उनके कार्टून को ‘अपरिपक्व’ और ‘भड़काऊ’ बताया है. हेमंत मालवीय पर एक कार्टून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को अपमानजनक तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप है.

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जमानत याचिका खारिज होने के बाद हेमंत मालवीय ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच मालवीय द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है.

जस्टिस धूलिया ने कार्टून पर टिप्पणी करते हुए कहा.

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 उनमें कोई परिपक्वता नहीं है. ये वास्तव में भड़काऊ हैं. कॉमेडियन और कार्टूनिस्टों को अपने आचरण के बारे में सोच विचार करना चाहिए.

हेमंत मालवीय का पक्ष रखते हुए सीनियर वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, 

यह पोस्ट (जिसमें कार्टून था) 2021 का था, जिसे किसी ने फिर से पब्लिश कर दिया. क्योंकि सोशल मीडिया पर चीजें हमेशा के लिए रहती हैं. इस पोस्ट में किसी तरह का अपराध नहीं किया गया है. यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है.

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जस्टिस धूलिया ने आगे पूछा कि क्या मालवीय अपनी पोस्ट हटाने को तैयार हैं. इसके जवाब में वृंदा ग्रोवर ने सहमति जताई. साथ ही उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता की उम्र 50 साल से भी ज्यादा है. उन्हें परेशान नहीं किया जाए.

वहीं भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर यह पोस्ट वाकई में भड़काऊ है तो यह अपराध है. उन्होंने दलील दी कि इससे सामाजिक वैमनस्य बढ़ रहा है और कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने इस मामले में आगे की सुनवाई 15 जुलाई को करने का फैसला किया.

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इस साल मई में हुआ था केस

हेमंत मालवीय पर इस साल मई में एक फेसबुक पोस्ट को लेकर मामला दर्ज कराया गया था. इस पोस्ट को RSS के एक सदस्य ने आपत्तिजनक माना था. मालवीय पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना), 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से काम करना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना), 353 (शरारत) और IT एक्ट की धारा 67A के तहत मामला दर्ज कराया गया है.

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