भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला धरती पर लौट आए हैं. वे 18 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद पृथ्वी पर लौटे हैं. 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समयानुसार) SpaceX ड्रैगन कैप्सूल, कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा. शुभांशु के साथ Axiom-4 (एक्सियोम-4) मिशन के तीन और साथी भी हैं.
धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, थोड़ा विराम फिर होगी गगनयान की तैयारी
Shubhanshu Shukla Earth Return: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहने के बाद पृथ्वी पर लौटे हैं. उनके साथ Axiom-4 मिशन के तीन और साथी भी हैं.

बता दें कि 39 साल के शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में मिशन पायलट के तौर पर काम कर रहे थे. यह मिशन NASA, SpaceX और ISRO का जॉइंट मिशन है. Axiom-4 मिशन 25 जून को फ्लोरिडा में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ था. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट 28 घंटे की यात्रा पूरी करके इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 26 जून को पहुंचा था. इस मिशन में शुभांशु के साथ तीन और लोग- पेगी व्हिटसन, स्लावोस उज़नान्स्की-विस्निवस्की और तिबोर कपु भी गए थे. पूरी टीम ने इस दो सप्ताह के अवधि में धरती के 230 चक्कर लगा लिए हैं और 100 लाख किलोमीटर का सफर तय किया.
इन अंतरिक्ष यात्रियों ने ISS पर 18 दिन बिताए और 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए. जिनमें से 7 प्रयोग शुभांशु शुक्ला ने किए. अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने सभी सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों को पूरा कर लिया है. ISRO ने इसकी जानकारी दी. ISRO ने शुभांशु शुक्ला की ISS यात्रा के लिए करीब 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. शुभांशु का ये अनुभव भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम और गगनयान मिशन में मदद करेगा.
ISS में रहते हुए शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है. वे स्पेस में सबसे लंबे वक़्त तक रहने वाले भारतीय एस्ट्रोनॉट बन गए हैं. ऐसा करते हुए उन्होंने अपने गुरु और पूर्व भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा का रिकॉर्ड तोड़ा है.
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पृथ्वी पर लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला और Ax-4 टीम को 7 दिनों तक पुनर्वास (रीहैबिलिटेशन) में रहना होगा. ताकी उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के प्रभावों से उबरने में मदद मिल सके. यह अवधि चिकित्सा निगरानी में होगी ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फिर से सामंजस्य बिठा सकें.
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