दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित 'भागीदारी न्याय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि OBC समुदाय को लेकर उनसे चूक हुई है. उन्होंने स्वीकार किया कि अब तक अनुसूचित जातियों, जनजातियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के मुद्दों पर तो बेहतर काम किया, लेकिन OBC समुदाय की समस्याओं को ठीक से नहीं समझा और उनके लिए पर्याप्त काम नहीं किया.
'कांग्रेस और मैंने OBC समाज की रक्षा नहीं की', इसके बाद राहुल गांधी ने 3 बड़े वादे कर दिए
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से दो-तीन बार मुलाकात की और उनके साथ एक ही कमरे में बैठे, तो उन्हें महसूस हुआ कि "वो कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं… दम नहीं है."

राहुल गांधी ने कहा,
"2004 से मैं राजनीति में हूं. 21 साल हो गए हैं. जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं और खुद का मूल्यांकन करता हूं, कहां अच्छा किया, कहां कमी रही, तो मुझे कुछ बातें साफ दिखाई देती हैं. मैंने भूमि अधिग्रहण बिल, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिकार, वन अधिकार कानून जैसे मुद्दों पर काम किया.
आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं के मुद्दों पर मैंने काम किया. लेकिन जब मैं खुद से ईमानदारी से पूछता हूं, तो मुझे एक बात बहुत स्पष्ट दिखती है. एक जगह मैं चूक गया. कांग्रेस और मैंने OBC समाज की रक्षा नहीं की. मैं समझ नहीं पाया कि आपकी समस्याएं क्या हैं."
कांग्रेस सांसद ने सामाजिक भागीदारी का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों की देश की नौकरशाही में बेहद कम भागीदारी है, जबकि ये लोग देश की कुल आबादी का करीब 90% हिस्सा हैं. उन्होंने कहा,
“जब बजट तैयार होने के बाद हलवा बंट रहा था, तब वहां 90% जनता का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था. यही 90% जनता देश की असली उत्पादक शक्ति है. हलवा आप बनाते हो, लेकिन खाता कोई और हैं. हम यह नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं, लेकिन कम से कम आपको भी मिलना चाहिए."
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा तेलंगाना में जुटाए गए आंकड़ों से यह साफ है कि SC, ST और OBC समुदायों के लोग कॉरपोरेट सेक्टर और उसके प्रबंधन में शामिल नहीं हैं, इसलिए उन्हें लाखों-करोड़ों की सैलरी पैकेज नहीं मिल रहे हैं.
ये सब बातें कहते हुए कांग्रेस नेता ने तीन बड़े वादे कर दिए.
1. कांग्रेस शासित राज्यों में जातिगत जनगणना कराना और आरक्षण में 50 पर्सेंट की सीमा को खत्म करना.
2. राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराना.
3. निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू करना.
अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने प्रधानमंत्री को "सिर्फ दिखावा" करार दिया और कहा कि उनमें "असल ताकत" नहीं है. 'भागीदारी न्याय सम्मेलन' में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा,
"वो सिर्फ एक बड़ा शो हैं, उन्हें बेवजह ज़्यादा अहमियत दी गई है."
राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से दो-तीन बार मुलाकात की और उनके साथ एक ही कमरे में बैठे, तो उन्हें महसूस हुआ कि “वो कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं… दम नहीं है.”
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