सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा (SM Krishna) का 92 साल की उम्र में 10 दिसंबर को निधन हो गया. वो अपने पूरे करियर में विदेश मंत्री, महाराष्ट्र के राज्यपाल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष और कर्नाटक सरकार में मंत्री जैसे कई प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, उम्र संबंधी समस्याओं के कारण देर रात 2.30 से 3 बजे के क़रीब उनकी मौत हो गई. कृष्णा की मौत पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत कई बड़े नेताओं ने शोक जताया है.
कांग्रेस के खास सिपहसालार थे, फिर क्यों एसएम कृष्णा ने खुद को पार्टी और गांधी परिवार से दूर कर लिया
SM Krishna कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहने के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल और भारत के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. 92 साल की उम्र में 10 दिसंबर को उनका निधन हो गया.

जीवन का ज़्यादातर समय कृष्णा ने कांग्रेस को दिया. 2017 में वो BJP में शामिल हो गए. जनवरी, 2023 में उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी. पद्म विभूषण से सम्मानित और फुलब्राइट स्कॉलर कृष्णा वोक्कालिगा समुदाय से आते थे, जिसका कर्नाटक की राजनीति में अहम योगदान माना जाता है. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बताया है कि 11 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. जो मांड्या ज़िले के सोमनहल्ली गांव में होगा. बता दें, शिवकुमार और एस एम कृष्णा दूर रिश्तेदार भी हैं.
SM Krishna की जड़ें कांग्रेस से1 मई, 1932 को मांड्या के सोमनहल्ली गांव में एसएम कृष्णा का जन्म हुआ. एक किसान परिवार में जन्मे कृष्णा ने फुलब्राइट छात्रवृत्ति प्राप्त करके अमेरिका में कानून में पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. कृष्णा की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई 1960 के दशक में. पहले एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में और बाद में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर उन्होंने मद्दुर विधानसभा सीट जीती. तब उन्होंने एक अनुभवी और प्रभावशाली राजनेता एचके वीरन्ना गौड़ा को हराया था.
फिर वो 1968 में मांड्या से सांसद भी बने. बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए. 1968-70 के सांसद कार्यकाल के बाद 1971-72 तक के लिए दोबारा सांसद चुने गए. हालांकि, वो राज्य की राजनीति में बने रहना चाहते थे. इसलिए बाद में वो विधायक (MLC) बने. 1972-77 के दौरान वो कर्नाटक की तत्कालिन देवराज कैबिनेट में मंत्री भी रहे.
फिर कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. इस दौरान उन्होंने 1999 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को जीत दिलाई और मुख्यमंत्री का पदभार संभाला. उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल (1999-2004) के दौरान बेंगलुरु को भारत के ‘सिलिकॉन सिटी’ के रूप में मान्यता मिली. बताया जाता है कि जब वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे, तब बेंगलुरु के पहले फ्लाईओवर का उद्घाटन किया गया था. उन्होंने आईटी और बीटी क्षेत्रों को शहर में अपनी कंपनियां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें कई ख़ास सुविधाएं दीं.
भ्रष्टाचार समेत कई आरोप भी लगे. 2004 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन सरकार बनी. अब उनका मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि राज्यपाल बनने का समय आया. 2004 में तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 72 साल की उम्र में उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया. उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की इच्छा तो थी, लेकिन बाद में राज्यसभा के लिए चुने गए.
इसके बाद 2009 में UPA 2.0 सरकार में विदेश मंत्री के रूप में शामिल किए गए. इसी दौरान, उन्होंने एक बार यूएन में स्पीच देते हुए पुर्तगाल के नेता की स्पीच पढ़ दी थी. बहरहाल, धीरे-धीरे राज्य की राजनीति में कृष्णा की राजनीतिक ताक़त कमज़ोर होती गई. साथ ही, कांग्रेस में उनकी स्थिति और गांधी परिवार के साथ उनके रिश्ते भी खराब होते गए. कारण बताया गया, कांग्रेस ने उन्हें ‘एक ख़त्म हो चुकी ताक़त’ के रूप में देखना शुरू कर दिया.
2012 में कृष्णा ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. कुछ साल शांत रहने के बाद कृष्णा मार्च, 2017 में भाजपा में शामिल हो गए. तब उन्होंने कांग्रेस पर उनके आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा को बुरी तरह ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था. BJP में शामिल होने के बाद उनकी बढ़ती उम्र ने उनके राजनीतिक करियर पर असर डाला. 2019 में कैफे कॉफी डे के संस्थापक उनके दामाद वीजी सिद्धार्थ की आत्महत्या से भी उन्हें गहरा झटका लगा था. साल 2023 में केंद्र सरकार ने एस एम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.

मई, 2023 में कर्नाटक के मौजूदा डिप्टी CM डीके शिवकुमार और एसएम कृष्णा का एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें शिवकुमार, एसएम कृष्णा के पैर छूते दिखे. वैसे तो कई लोग इससे चौंके. लेकिन जानने वालों ने उनके एक पुराने रिश्ते का ज़िक्र किया.
डीके शिवकुमार की शादी उषा शिवकुमार से 1993 में हुई थी. इस शादी से उन्हें दो बेटियां हैं- ऐश्वर्या और आभरण और एक बेटा आकाश है. साल 2021. तब डीके शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या की शादी अमर्त्य हेगड़े से हुई. बताया जाता है कि अमर्त्य, कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ के बेटे हैं. वही, वीजी सिद्धार्थ, एमएम कृष्णा के दामाद थे. यानी एसएम कृष्णा, अमर्त्य हेगड़े के नाना थे. बता दें, साल 2019 में वीजी सिद्धार्थ ने आत्महत्या कर ली थी.
ऐसे में कहा जाता है कि डीके शिवकुमार और एसएम कृष्णा, दोनों के बीच अपनी-अपनी पार्टियों की वजह से राजनीतिक मतभेद भले थे. लेकिन निजी तौर पर डीके शिवकुमार कर्नाटक के पूर्व सीएम की काफ़ी इज़्ज़त करते थे.
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