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पीएम मोदी सामने ही बैठे थे, 'माता की कृपा से' उमर अब्दुल्ला ने बहुत कुछ कह दिया!

जब उमर अब्दुल्ला जनसभा को संबोधित करने आए तो पहले तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की. लेकिन इसी बीच बातों-बातों में बहुत कुछ सुना भी दिया. और जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग दोहराई.

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उमर अब्दुल्ला के साथ पीएम मोदी. (PTI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 6 जून को जम्मू-कश्मीर में थे. उन्होंने रियासी में सबसे ऊंचे रेल पुल चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. रेलवे के इस कार्यक्रम के बाद कटरा में प्रधानमंत्री की एक जनसभा थी. दोनों ही कार्यक्रम मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल थे. अब्दुल्ला ने कल भी चिनाब ब्रिज की तस्वीरें साझा की थीं.

कटरा में जब उमर अब्दुल्ला जनसभा को संबोधित करने आए तो पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की. लेकिन इसी बीच बातों-बातों में बहुत कुछ सुना भी दिया. अब्दुल्ला पहले प्रधानमंत्री मोदी को 2014 में ले गए. उन्होंने कहा,

"आप उस वक्त पहली मर्तबा वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) बने थे. इलेक्शन के ठीक बाद आप यहां आए और माता की कृपा से आपने कटरा रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया. उसके बाद लगातार तीन बार चुनाव जीतकर आप इस मुल्क के वजीर-ए-आजम बने रहे. MoS डॉ जितेंद्र सिंह उस प्रोग्राम में मौजूद थे, यहां तक हमारे माननीय LG मनोज सिन्हा साहब उस वक्त MoS रेलवे की जिम्मेदारी संभाले हुए थे और मैं खुद वजीर-ए-आला (मुख्यमंत्री) के तौर पर था."

यहां से उमर अब्दुल्ला ने संदर्भ देना शुरू कर दिया था. दरअसल, 4 जुलाई, 2014 को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे. तब उन्होंने कटरा से उधमपुर के लिए रेल लिंक का उद्घाटन किया था. तब भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ही थे. जम्मू-कश्मीर के मौजूदा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा उस वक्त केंद्र सरकार में रेल मंत्रालय में सुरेश प्रभु के सहयोगी के रूप में राज्य मंत्री थे.

उमर अब्दुल्ला ने 2014 के कार्यक्रम से जोड़ते हुए आज का जिक्र किया. उन्होंने कहा,

"अगर आप मनोज सिन्हा साहब को देखें तो माता की कृपा से उनका प्रमोशन हुआ. मेरी अगर मानें तो थोड़ा सा डिमोशन हुआ. मैं एक रियासत का वजीर-ए-आला था, अब UT (केंद्र शासित राज्य) का वजीर-ए-आला हूं."

दरअसल, 2019 में मोदी सरकार 2.0 आने के बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया गया और राज्य का विभाजन कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित राज्य बना दिए गए. केंद्र शासित राज्य के मुख्यमंत्री और एक पूर्ण राज्य के मुख्यमंत्री की शक्तियों में अंतर होता है. मसलन, 2014 में जब उमर मुख्यमंत्री थे तब राज्य की पुलिस उनके अंडर आती थी, लेकिन अब पुलिस उपराज्यपाल के अधीन है.

हालांकि, उमर अब्दुल्ला ने पीएम से उम्मीद जताते हुए जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कही. उन्होंने कहा,

"लेकिन मानकर चल रहा हूं कि इसको दुरुस्त होने में अब ज्यादा देर नहीं लगेगी. और आप ही के हाथों जम्मू-कश्मीर को दोबारा रियासत यानी की पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल होगा."

मुख्यमंत्री बनने के बाद उमर अब्दल्ला लगातार जम्मू-कश्मीर के लिए स्टेटहुड की मांग कर रहे हैं. इससे पहले भी वह कई दफा सार्वजनिक तौर पर ये मांग दोहरा चुके हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अक्तूबर में पूर्ण राज्य के लिए दायर की गई याचिका को स्वीकार किया है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: जम्मू कश्मीर के सीएम बने उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी को क्या कहा?