उत्तर प्रदेश में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत करीब 19 प्रतिशत वोटर चुनाव आयोग की जांच की दायरे में हैं. इन वोटरों ने अपने गणना फॉर्म जमा नहीं किए हैं. आयोग ने इन्हें 'अनकलेक्टीबल' घोषित कर दिया है. ये संख्या लगभग 2.93 करोड़ है, जो कुल 15.44 करोड़ रजिस्टर्ड वोटरों का एक बड़ा हिस्सा है.
SIR में यूपी के करीब 3 करोड़ लोग वोटर लिस्ट से हटेंगे?
जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिलों में अधिकतम मतदाताओं का मैपिंग का काम जल्द पूरा करें.


जिन वोटरों ने गणना फॉर्म जमा नहीं किए हैं, उन्हें ‘अनुपस्थित, मृत, डुप्लिकेट या स्थायी रूप से शिफ्ट होने वाली श्रेणी’ में रखा गया है. SIR प्रक्रिया पूरी होने के बाद इनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएंगे, ताकि लिस्ट में केवल सक्रिय वोटर ही रहें. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग (ECI) ने इसको लेकर आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार, उत्तर प्रदेश की 2025 के इलेक्टोरल रोल में कुल 15 करोड़ 44 लाख मतदाता दर्ज हैं.
SIR के तहत बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने 15 करोड़ 43 लाख वोटर्स (99.97%) को गणना फॉर्म वितरित कर दिए हैं. इनमें से 15 करोड़ 15 लाख (98.14%) भरे हुए फॉर्म डिजिटाइज कर लिए गए हैं. डिजिटाइज्ड फॉर्म में से 79.95% फॉर्म मतदाता या उनके परिवार के किसी सदस्य के हस्ताक्षर के साथ जमा किए गए हैं.
सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में SIR प्रक्रिया दो हफ्ते और बढ़ाए जाने की संभावना है. इससे पहले चुनाव आयोग ने SIR की अंतिम तारीख को 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर किया था. उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवदीप रिनवा ने मंगलवार, 9 दिसंबर को कहा,
“राजनीतिक दलों के साथ-साथ जिलाधिकारियों ने भी SIR प्रक्रिया के नामांकन चरण को बढ़ाने की मांग की है, जो 11 दिसंबर को समाप्त होने वाला है. अब फोकस उन फॉर्मों पर होगा जो अब तक जमा नहीं हो पाए हैं. 9 दिसंबर तक कुल फॉर्मों का करीब 18.48% हिस्सा अभी भी अनकलेक्टेड है. जैसे-जैसे डिजिटाइजेशन का काम आगे बढ़ेगा, ये आंकड़ा 19%-20% तक पहुंचने की संभावना है.”
नवदीप ने आगे बताया,
मैपिंग का काम पूरा करने का आदेश“लगभग 2.50 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नामांकन फॉर्म अभी तक जमा नहीं हुए हैं. बहुत बड़ी संख्या में मतदाता अपना फॉर्म जमा नहीं कर पाए हैं. उनके नाम मतदाता सूची से हटाने से पहले हम जिलाधिकारियों को निर्देश देंगे कि लापता मतदाताओं की जांच की जाए. अगर मतदाता मिलते हैं और उन्होंने फॉर्म जमा नहीं किया है, तो बीएलओ उनके घर जाकर फॉर्म लेगा. जिन मतदाताओं ने नामांकन फॉर्म जमा नहीं किया है, उनकी सूची राजनीतिक दलों को भी दी जाएगी. मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट (BLA) इन मतदाताओं के पते की जांच कर सकेंगे.”
जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) को निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिलों में अधिकतम मतदाताओं का मैपिंग का काम जल्द पूरा करें. मंगलवार, 9 दिसंबर तक उत्तर प्रदेश में 2003 की मतदाता सूची के आधार पर मैपिंग 72.90% हुई थी. जबकि 27.10% मतदाताओं की मैपिंग अभी बाकी है. DEOs के साथ समीक्षा बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने मैपिंग का काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए, ताकि मतदाताओं को कम से कम नोटिस जारी करने पड़ें. इसके साथ ही मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अनुपस्थित और डुप्लिकेट मतदाताओं की दोबारा वेरिफाई करने के भी आदेश दिए गए.
12 दिसंबर तक सभी BLOs के साथ BLAs की बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. DEOs को हर पोलिंग स्टेशन पर BLOs और BLAs की बैठक कराने और मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, क्षेत्र में नहीं मिले या कहीं और पंजीकृत मतदाताओं की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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