उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) से वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की डेडलाइन 14 दिन बढ़ाने की रिक्वेस्ट की है. यूपी चुनाव आयोग 2.91 करोड़ वोटरों को लेकर टेंशन में है, जो मृत, शिफ्ट, लापता, डुप्लीकेट आदि कैटेगरी में मिले हैं. यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि वे इन वोटरों की दोबारा तफ्तीश कराना चाहते हैं, क्योंकि 2.91 करोड़ वोटर एक बड़ा आंकड़ा है.
यूपी में राज्य चुनाव आयोग ने SIR की डेडलाइन 14 दिन आगे बढ़ाने की मांग क्यों की?
यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि हम 2.91 करोड़ वोटरों की दोबारा वेरिफिकेशन कराना चाहते हैं. इसलिए यूपी चुनाव आयोग ने ECI से 14 दिन का समय और मांगा है. इस बाबत SIR को कुछ दिन और बढ़ाने की गुजारिश की गई है.


इंडिया टुडे से जुड़े कुमार अभिषेक की रिपोर्ट के मुताबिक नवदीप रिणवा ने कहा कि हम 2.91 करोड़ वोटरों की दोबारा वेरिफिकेशन कराना चाहते हैं. इसलिए यूपी चुनाव आयोग ने ECI से 14 दिन का समय और मांगा है. इस बाबत SIR को कुछ दिन और बढ़ाने की गुजारिश की गई है.
अब तक 15.44 करोड़ मतदाताओं में से 99.14 फीसदी (12.40 करोड़ मतदाता) के डिजिटाइजेशन का काम हो चुका है. फिलहाल, SIR का गणना फॉर्म लेने और भरकर जमा करने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर है. हालांकि, यूपी में बड़े पैमाने पर गणना फॉर्म वापस नहीं आए हैं. इसकी वजह से यूपी के वोटरों की एक बड़ी संख्या फाइनल वोटर लिस्ट में जगह बनाने से चूक सकती है.
बुधवार, 10 दिसंबर को नवदीप रिणवा ने आजतक से जुड़े समर्थ श्रीवास्तव के साथ बातचीत में कहा,
"आज 10 दिसंबर को हमारे यहां 99.10 फीसदी डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो गया है. उम्मीद है कि कल तक यह करीब 100 फीसदी हो जाएगा. हमने दो सप्ताह का समय इसलिए मांगा है, क्योंकि जिन मतदाताओं ने फॉर्म भरकर हमें वापस नहीं दिया, उनकी संख्या बड़ी है- 2.91 करोड़ वोटर, जो हमारी वोटर लिस्ट का 19 फीसदी हैं. इन 2.91 करोड़ मतदाताओं को हम एक बार फिर से चेक करना चाहते हैं. इसके लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के साथ-साथ उनके ऊपर तैनात बूथ लेवल सुपरवाइजर, जिला निर्वाचन अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को भी काम पर लगाया जाएगा."
उन्होंने आगे कहा,
“2.91 करोड़ वोटर्स ऐसे हैं, जिनकी या तो डेथ हो गई या ये परमानेंटली शिफ्ट करके वहां से चले गए या उनका नाम पहले ही किसी और निर्वाचन क्षेत्र में वोटर के रूप में दर्ज है. या उन्होंने फॉर्म तो लिया, लेकिन वापस नहीं किया. या BLO को नहीं मिले या जिनका पता नहीं लगाया जा सका.”
चुनाव अधिकारी ने बताया कि 2.91 करोड़ वोटरों में सबसे बड़ी संख्या परमानेंटली शिफ्ट करने वाले वोटरों की है. करीब 1.27 करोड़ वोटर परमानेंटली शिफ्ट कर गए. वहीं लगभग 45 लाख वोटर ऐसे मिले, जिनकी मौत हो गई. नवदीप रिणवा ने यह भी कहा कि हम हर बूथ पर BLO और सभी राजनीतिक पार्टियों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) की मीटिंग कराएंगे. BLO इन्हें उन वोटरों की लिस्ट देंगे, जिन्हें मृत, शिफ्ट, लापता, डुप्लीकेट आदि कैटेगरी में मार्क किया गया है.
रिणवा ने कहा कि SIR की कवायद पूरी पारदर्शिता के साथ कराना हमारा मकसद है. राजनीतिक पार्टियां भी इन सूचियों को देखकर पता लगा सकती हैं कि कौन से वोटरों के फॉर्म वापस नहीं आए. लिस्ट के जरिए पार्टियां भी ऐसे लोगों को ढूंढने की कोशिश कर सकती हैं, जिनके फॉर्म जमा नहीं हुए.
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