वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा का 30 सितंबर, मंगलवार की सुबह निधन हो गया. एम्स दिल्ली ने प्रेस रिलीज कर इसकी जानकारी दी. एम्स दिल्ली ने बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 30 सितंबर की सुबह 93 साल की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली.
भाजपा के दिग्गज विजय कुमार मल्होत्रा का निधन, मनमोहन सिंह को हराने वाले नेता थे
Vijay Kumar Malhotra passes away: वरिष्ठ भाजपा नेता विजय कुमार मल्होत्रा का 30 सितंबर, मंगलवार की सुबह निधन हो गया. वह दिल्ली भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष थे. इसके अलावा राजधानी से पांच बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके हैं.


BJP दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने उनके निधन पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि विजय कुमार मल्होत्रा जी का जीवन सादगी एवं जन सेवा के लिए समर्पण की मिसाल रहा. उन्होंने दिल्ली में संघ की विचारधारा को बढ़ाने के लिए जनसंघ के समय से ही बहुत काम किया. उनका जीवन हम सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरणा देता रहा है और देता रहेगा.

विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को अविभाजित भारत के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था. विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया और उन्होंने दिल्ली में पढ़ाई की. आगे चलकर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पीएचडी की उपाधि हासिल की. छात्र जीवन से ही वे पढ़ाई, साहित्य और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहे.
मल्होत्रा ने राजनीति की शुरुआत जनसंघ से की. वे दिल्ली जनसंघ के अध्यक्ष रहे और 1980 में भाजपा बनने के बाद पार्टी के पहले दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बने. उनकी पहचान संगठन चलाने वाले नेता के रूप में रही. उन्होंने दिल्ली में भाजपा का जनाधार खड़ा करने में बड़ी भूमिका निभाई.

अपने लंबे करियर में मल्होत्रा पांच बार सांसद और दो बार विधायक बने. साल 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को भारी अंतर से हराया था. यह उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक जीत मानी जाती है. 2004 में वे दिल्ली से भाजपा के एकमात्र विजेता उम्मीदवार थे. इसके अलावा वे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे.
उपलब्धियां और योगदानविजय कुमार मल्होत्रा की गिनती हमेशा साफ-सुथरी और सादगीपूर्ण छवि वाले नेताओं में होती रही. राजनीति के अलावा वे खेलों से भी जुड़े रहे. उन्होंने दिल्ली में शतरंज और तीरंदाजी संघों को मजबूत किया और खेल प्रशासक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई.

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मल्होत्रा का नाम राजनीति में शायद ही कभी विवादों से जुड़ा. उन्होंने हमेशा संगठन और जनता के बीच सेतु का काम किया. भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए वे ईमानदारी और समर्पण की मिसाल बने रहे.
परिवार और निजी जीवनविजय कुमार मल्होत्रा दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते थे. उनके परिवार में बेटा, बेटी और पोते-पोती हैं. सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनका परिवार कई बार उनके साथ नजर आता रहा है. निजी जीवन में वे बेहद सादगी पसंद और पारिवारिक व्यक्ति माने जाते थे.
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