साल 2007 में आई फिल्म ट्रांसफॉर्मर खूब पसंद की गई. इसमें दिखाया गया था कि कैसे साइबर्ट्रोन ग्रह से आए रोबोट–ऑटोबॉट्स और डिसेप्टिकॉन–पृथ्वी पर उतरते हैं. जब वे पृथ्वी पर आते हैं तो आग का गोला बनकर आसमान में चमकते नज़र आते. उस आग के गोले से धातु जैसे टुकड़े अलग-अलग जगह गिरते दिखते हैं. लोग उसे कैमरे में कैद करते दिखते हैं.
देर रात दिल्ली- NCR में दिखाई दी रहस्यमयी रोशनी, वैज्ञानिकों ने बताई असली बात
दिल्ली-एनसीआर में रात के सन्नाटे में अचानक तेज चमकदार रोशनी दिखाई दी. जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें ठिठक गईं. कई लोगों ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया.


कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार देर रात दिल्ली-NCR में भी देखने को मिला. रात के सन्नाटे में अचानक तेज चमकदार रोशनी दिखाई दी. जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें ठिठक गईं. कई लोगों ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद कर लिया. जो कि खूब वायरल हो रही है.
इंडिया टुडे से जुड़ीं मिलन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक घटना 19 सितंबर देर रात की है. नेहरू प्लेनेटेरियम के सीनियर इंजीनियर ओपी गुप्ता ने बताया कि यह घटना सैटेलाइट डिसइंटिग्रेशन की है. उन्होंने आगे कहा कि यह मलबा गाज़ियाबाद, जयपुर, अलीगढ़, गुरुग्राम जैसे शहरों में देखा गया. उन्होंने आगे कहा कि टूटते हुए सैटेलाइट के टुकड़े धीरे-धीरे वायुमंडल में प्रवेश करते हैं. इस दौरान सूर्य की रोशनी पर चमकते हैं, जिससे यह तेज़ और असामान्य रोशनी पैदा होती है.
वहीं, नेहरू प्लेनेटेरियम की वैज्ञानिक प्रेरणा चंद्रा ने कहा कि यह कोई उल्कापिंड टूटने के बाद उसकी बारिश नहीं है. यह सैटेलाइट के मलबे का असर है. उन्होंने कहा कि जो चमकदार रोशनी लोग देख रहे हैं, वह एक टूटते हुए सैटेलाइट के टुकड़े का प्रतिबिंब है. यह बिल्कुल भी एक सामान्य शूटिंग स्टार की तरह नहीं है.
रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने बताया कि यह प्राकृतिक या खगोलीय घटना नहीं है. उनके मुताबिक सैटेलाइट के टूटने के बाद छोटे-छोटे टुकड़े वायुमंडल में जल जाते हैं. वहीं, कुछ बड़े टुकड़े बचते हैं. जिनके पृथ्वी की सतह पर पहुंचने की संभावना बहुत कम होती है.
वीडियो: 'फाइटर' ओपनिंग डे कलेक्शन: क्या ऋतिक की फिल्म आसमान में छेद कर पाई?