दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव प्रचार के दौरान लक्जरी कारों के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई है. DUSU के नवनिर्वाचित अध्यक्ष आर्यन मान और सचिव कुणाल चौधरी हैं. कोर्ट ने इन दोनों समेत सात उम्मीदवारों से विजय जुलूस पर रोक लगाने के अदालती आदेश के कथित उल्लंघन पर भी जवाब मांगा है.
DUSU चुनाव में महंगी कारों से दिल्ली HC नाराज, अध्यक्ष आर्यन समेत 7 को नोटिस
Delhi High Court DUSU Poll: हाई कोर्ट की बेंच ने कहा कि छात्रों को इतनी बड़ी कारें -बेंटले, रोल्स रॉयस और फेरारी- कहां से मिलती हैं? हमने इन कारों के बारे में सुना भी नहीं है.


इससे पहले, दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने चुनाव आचार संहिता और दूसरे उल्लंघनों के आरोप में सातों को पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था. लेकिन तब, सभी उम्मीदवारों ने आरोपों से इनकार किया था. वहीं, हाई कोर्ट ने 17 सितंबर को निर्देश दिया था कि परिणाम घोषित होने के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा.
19 सितंबर को दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की दो जजों की बेंच ने मामले की सुनवाई की. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, इस दौरान बेंच ने चुनाव के दौरान हुई ‘गुंडागर्दी’ पर भी ध्यान दिया. कहा,
ये बहुत दुखद है. ये हमारे हालात पर एक दुखद टिप्पणी है, हमारे समाज और संस्थाओं की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर एक दुखद टिप्पणी है… छात्र संघ चुनावों में इस तरह के प्रचार से बदतर और क्या हो सकता है. छात्रों को इतनी बड़ी कारें -बेंटले, रोल्स रॉयस और फेरारी- कहां से मिलती हैं? हमने इन कारों के बारे में सुना भी नहीं है.
19 सितंबर को ही DUSU चुनाव के नतीजे आए. इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) को चार में से तीन पदों पर जीत मिली. आर्यन मान को अध्यक्ष पद पर, कुणाल चौधरी को सचिव पद पर और दीपिका झा संयुक्त सचिव पद पर. वहीं, उपाध्यक्ष पद NSUI के राहुल झांसला ने जीता.
द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि छात्र संघ के चुनाव एक सालाना जलसा बन गए हैं. जिस तरह से इन चुनावों ने बीते सालों में आकार लिया है, वो ‘हर जिम्मेदार संस्थान और नागरिक के लिए चिंता का कारण’ है. कोर्ट ने आगे कहा,
ऐसा प्रतीत होता है कि छात्रों ने बीते साल के आदेश से कोई सबक नहीं सीखा है... सबसे ज्यादा निराश तो हम छात्रों से हैं.
बताते चलें, 2024 में, हाई कोर्ट ने सितंबर 2024 के DUSU और कॉलेज चुनावों की मतगणना और नतीजों की घोषणा को तब तक के लिए रोक दिया था, जब तक कि सभी पोस्टर, होर्डिंग्स और ग्रैफिटी हटा नहीं दिए जाते और सार्वजनिक संपत्ति बहाल नहीं हो जाती.

बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट वकील प्रशांत मनचंदा द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था. प्रशांत ने कई तस्वीरें और न्यूज रिपोर्ट शेयर की थीं. साथ ही, न्यायिक आदेश और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के उल्लंघन का दावा किया. उन्होंने चुनावों को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों और नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई थी.
इस दौरान कोर्ट ने निर्देश दिया कि चुनाव में उम्मीदवार रहे सात छात्रों को कार्यवाही में पक्षकार बनाया जाए. इन छात्रों को यूनिवर्सिटी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने इन छात्र अभ्यर्थियों को जवाब देने को कहा है और मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर तय की है.
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