बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमला करने के आरोपी को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है (Saif Attacker Custody). मुंबई पुलिस ने कहा है कि आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद (Mohammad Shariful Islam Shahzad) के बांग्लादेशी होने की आशंका है, ऐसे में हर एंगल पर जांच की जा रही है. इस बीच, मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों ने आरोपी मोहम्मद शरीफुल को गिरफ़्तारी की इनसाइड स्टोरी शेयर की है.
सैफ अली खान पर हमला करने वाला पराठे और पानी का शिकार कैसे बना? मुंबई पुलिस ने बताई इनसाइड स्टोरी
Mohammad Shariful Islam Shahzad वो शख्स है, जिसे अभिनेता Saif Ali Khan पर जानलेवा हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. Mumbai Police को उसे पकड़ने में पराठे और पानी की बोतल के लिए किए गए UPI payment से बड़ी मदद मिली है. क्या है पूरी कहानी?

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, जांच से जुड़े सूत्रों ने मामले की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि आरोपी को पकड़ने में एक स्टॉल पर पराठा और पानी की बोतल के लिए गूगल पे (G-Pay) के ज़रिए किया गया UPI ट्रांजेक्शन, अहम सुराग था. इसी के ज़रिए आरोपी का नंबर हासिल कर उसे ट्रेस किया जा सका और पुलिस उस तक पहुंच पाई.
दरअसल, पुलिस अधिकारियों ने बांद्रा रेलवे स्टेशन पर लगे CCTV के फ़ुटेज के सहारे उसकी खोजबीन शुरू की थी. फिर उसे दादर स्टेशन के बाहर एक दुकान पर देखा गया, जहां से उसने मोबाइल कवर खरीदा था. लेकिन सूत्रों का कहना है कि आरोपी शरीफुल ने वहां नकद भुगतान किया था. इसके बाद वो वर्ली चला गया था. पुलिस वर्ली इलाक़े में लगे CCTV फ़ुटेज भी खंगाल रही थी.

ये भी पढ़ें - सैफ पर हमले के आरोपी ने पुलिस पूछताछ में किए बड़े खुलासे
सूत्रों ने बताया है कि यहां उन्हें सेंचुरी मिल के पास एक स्टॉल पर संदिग्ध कुछ देर के लिए रुकता और बात करते हुए दिखा. ऐसे में क्राइम ब्रांच की टीमें जल्द ही तैनात की गईं. इस दौरान पुलिस को पता चला कि स्टॉल चलाने वाला व्यक्ति नवीन एक्का, कोलीवाड़ा के पास रह रहा था. पुलिस को संदेह हुआ कि एक्का, आरोपी शरीफुल का दोस्त है. ऐसे में पुलिस की सात टीमों ने 18 जनवरी को वर्ली-कोलीवाड़ा इलाक़े में तलाशी ली.
आसपास के दुकानदारों को आरोपी की तस्वीरें भी दिखाई गईं. वहीं, पुलिस को पता चला कि एक्का जनता कॉलोनी में जयहिंद मित्र मंडल के एक घर में रहता था, चार या पांच अन्य लोगों के साथ किराए के मकान में. लेकिन जब पुलिस मौक़े पर पहुंची, तो घर पर ताला लगा हुआ था. ऐसे में पुलिस ने मकान मालिक राजनारायण प्रजापति से संपर्क किया. सूत्रों का कहना है कि पुलिस को प्रजापति के बेटे विनोद के ज़रिए एक्का का मोबाइल नंबर मिला.
विनोद को भी संदिग्ध की तस्वीर दिखाई गई. लेकिन वो उसकी पहचान नहीं कर सका. इसके बाद जल्द ही एक्का को पकड़ लिया गया. पूछताछ में उसने बताया कि संदिग्ध ने पराठे और पानी की बोतल के लिए UPI से भुगतान किया था. यही आरोपी शरीफुल की गिरफ़्तार में एक अहम मोड़ साबित हुआ. मकान मालिक के बेटे विनोद ने दावा किया है कि पुलिस को उनके ज़रिए ही आरोपी का मोबाइल नंबर मिल सका है.
ये भी पढ़ें - सैफ को अस्पताल ले जाने वाले ऑटो ड्राइवर को लग रहा था दंगे का डर
उधर, नंबर की मदद से पुलिस ठाणे के कासरवडावली में स्थित लेबर कैंप और अमित पांडे नाम के ठेकेदार तक पहुंची. इस ठेकेदार ने कुछ महीने पहले आरोपी को काम पर रखा था. सूत्रों ने आगे बताया कि क़रीब 20 टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं और संदिग्ध की तलाश शुरू की. लेकिन वो मौक़े से भाग गया था. 18 जनवरी की रात क़रीब 10 बजे उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद कर लिया था.

इस बीच, जांच करते हुए पुलिस की टीमें लेबर कैंप के पास घने मैंग्रोव जंगल तक पहुंचीं. सूत्रों का कहना है कि तलाशी लेने के बाद पुलिस टीम वहां से लगभग निकल ही चुकी थी, तभी उन्होंने एक बार फिर जांच करने का फ़ैसला किया. जब उन्होंने दोबारा देखा, तो एक टॉर्च की रोशनी में ज़मीन पर किसी के सोए होने का संकेत मिला. जैसे ही एक अधिकारी क़रीब पहुंचा, वो व्यक्ति उठकर भागने लगा. ऐसे में उसे जल्द ही पकड़ लिया गया और काबू कर लिया गया.
वीडियो: सैफ अली खान पर हमले के मामले में 4 संदिग्ध गिरफ्तार, क्या बांग्लादेशी शहजाद ही है असली आरोपी?