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'हम बस इंसानों से डरते थे', गुफा में मिली रूसी महिला का भावुक मैसेज

हिला का नाम नीना कुटीना ‘मोही’ है. उन्होंने वॉट्सऐप पर अपनी एक दोस्त और एक पुलिस अधिकारी को रूसी भाषा में मैसेज लिखा है.

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कर्नाटक की गोकर्ण गुफा से रेस्क्यू की गई रूसी महिला ने अपने एक दोस्त को भावुक मैसेज लिखा है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

कर्नाटक की गोकर्ण गुफा से रेस्क्यू की गई रूसी महिला ने अपने एक दोस्त को भावुक मैसेज लिखा है. इसमें उसने कहा है कि उसके गुफा में रहने वाले जीवन का अंत हो गया है. अब उसे एक ‘जेल जैसी’ जगह में रखा गया है जहां न खुला आसमान है, न घास है, और न ही पास में कोई झरना है. महिला ने खत में लिखा अब वो अब एक सख्त, ठंडी फर्श वाली जगह पर सोती है. 

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मैसेज में रूसी महिला ने आगे लिखा कि उसे कथित तौर पर सांपों से बचाने के लिए यहां रखा गया है, लेकिन सांप उसके दोस्त हैं. अधिकारियों ने महिला और उसके दो नाबालिग बच्चों को वापस रूस भेजने की तैयारी शुरू कर दी है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महिला का नाम नीना कुटीना ‘मोही’ है. उन्होंने वॉट्सऐप पर अपनी एक दोस्त और एक पुलिस अधिकारी को रूसी भाषा में मैसेज लिखा,

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“कई सालों तक हम जंगल में रहे. एक बार भी किसी जानवर ने हमें नुकसान नहीं पहुंचाया. हम बस इंसानों से डरते थे. जिन्हें हम आलीशान घर कहते हैं. असल में वो भी गुफा जैसे ही हैं. बस वहां ज्यादा समस्याएं होती हैं. और सुकून कम होता है. वहां हर अच्छी चीज के मुकाबले बुरी चीजें ज्यादा होती हैं.”

40 साल की मोही लगभग दो हफ्तों से रामतीर्थ पहाड़ियों की एक प्राकृतिक गुफा में रह रही थीं जो उत्तर कन्नड़ जिले में है. महिला के साथ उसकी दो बेटियां प्रेया (6) और अमा (4) भी हैं. महिला ने गुफा के अंदर ही एक साधारण-सा घर बना रखा था जो घने जंगल से घिरा हुआ था. महिला ने बताया कि वह अपना ज्यादातर समय पूजा-अर्चना और ध्यान में बिताती थी.

इस मामले पर उत्तर कन्नड़ जिले के पुलिस अधीक्षक नारायण एम ने कहा कि कुटीना मोही इंसानों से बहुत निराश हैं. फिर भी उनके भीतर दया है. और आध्यात्मिक रूप से मजबूत हैं. उन्होंने आगे कहा कि वह 18 अक्टूबर 2016 को बिजनेस वीजा पर गोवा आई थीं. 17 अप्रैल तक उन्हें इंडिया में रुकने की अनुमति थी. इसके बाद वह नेपाल चली गईं. लेकिन 8 सितंबर 2018 को वह वापस इंडिया लौट आईं. उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में उनकी दोनों बेटियों को महिला और बाल कल्याण विभाग की देखरेख में महिला स्वागत केंद्र में सुरक्षित ठहराया गया है.

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इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक मोही अपने बच्चों के साथ बेहद कम संसाधनों के साथ रह रही थीं. उन्होंने गुफा में खाने-पीने का पर्याप्त समान जमा कर रखा था. बताया जा रहा है कि रूसी महिला सामान खरीदने और फोन चार्ज करने के लिए अपनी बेटियों के साथ पास के कस्बे में जाती थी. काम होते ही वापस गुफा में आ जाती थी. रिपोर्ट के मुताबिक मोही की दोनों बेटियों का जन्म भारत में हुआ है. हालांकि बच्चे के पिता के बारे में बताने से उन्होंने इनकार कर दिया.

वीडियो: कर्नाटक के जंगल में गुफा में रह रही थी रूसी महिला, वीजा खत्म हुए 8 साल हो गए

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