केरल के पल्लकड़ जिले में एक व्यक्ति की बांग्लादेशी होने के शक में भीड़ ने कथित तौर पर हत्या कर दी. मृतक राम नारायण बघेल दलित समाज से ताल्लुक रखते थे. वो छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे. केरल में काम करते थे. परिवार ने बघेल की हत्या के आरोपियों पर मॉब लिंचिंग का केस दर्ज करने की मांग की है. इसके अलावा 25 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग भी की है. वहीं, केरल सरकार ने आरोप लगाया कि यह घटना ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की घृणा की राजनीति का नतीजा’ है.
भीड़ ने दलित को घेरा, पूछा- 'क्या बांग्लादेशी हो?', इतना मारा कि जान चली गई
Kerala Mob Lynching: केरल सरकार ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया. हालांकि, परिवार का कहना है कि वो अपनी मांग पूरी होने तक शव को कहीं लेकर नहीं जाएंगे.


घटना बुधवार, 17 दिसंबर को केरल के पल्लकड़ में हुई. इस घटना से जुड़ा एक कथित वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग एक व्यक्ति से पूछ रहे हैं, “क्या तुम बांग्लादेशी हो?” इंडिया टुडे से जुड़ीं शिबीमोल केजी की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 दिसंबर को मृतक के परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने केरल सरकार से कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, वे दाह संस्कार नहीं करेंगे. उनकी पत्नी ललिता और बच्चों अनुज और आकाश समेत परिवार के सदस्य छत्तीसगढ़ से त्रिशूर पहुंचे और अपने फैसले के बारे में बताया.
त्रिशूर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बघेल का शव देखकर परिवार वाले सदमे में थे, जिन्हें रिश्तेदारों और एक्शन काउंसिल के कार्यकर्ताओं को समझाना मुश्किल हो रहा था. रामनारायण बघेल के छोटे भाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
"मैं राम नारायण का छोटा भाई हूं. मेरी भाभी छत्तीसगढ़ से आई हैं. मेरे भाई को यहां भीड़ द्वारा पीटा गया है. इसलिए मॉब लिंचिंग की धारा के तहत केस दर्ज किया जाना चाहिए. एक SIT टीम गठित होनी चाहिए. मेरे भाई के बच्चों और परिवार को 25 लाख रुपये का उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. वे परिवार में अकेले कमाने वाले थे. घर पर बूढ़ी मां हैं, दो बच्चे हैं, बीवी है. उनके घर में अब इनकम का कोई जरिया नहीं है. हमें अभी तक केरल या छत्तीसगढ़ सरकार से कोई मदद या बातचीत नहीं हुई है. हम अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से हैं, इसलिए SC/ST एक्ट की धाराएं भी लगाई जानी चाहिए. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम शव को लेकर कहीं नहीं जाएंगे. हम यहीं पर रहेंगे."
वहीं, इस घटना पर केरल के मंत्री एमबी राजेश RSS पर बरसते नजर आए. उन्होंने मीडिया से कहा,
"छत्तीसगढ़ के मजदूर राम नारायण की बेरहमी से हत्या बहुत निंदनीय है. वे पूरे देश में संघ परिवार की फैलाई गई नफरत की राजनीति के शिकार हुए हैं. उन पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और चार संघ परिवार के कार्यकर्ता हैं. उन पर कई आपराधिक मामलों में आरोप हैं, जिसमें एक CPIM नेता की हत्या की कोशिश भी शामिल है..."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार ने सोमवार, 22 दिसंबर को मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया. पलक्कड़ के पुलिस सुपरिटेंडेंट(SP) अजीत कुमार ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई गई है. उन्होंने कहा,
"पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और ज्यादा लोगों की इसमें शामिल होने की जांच चल रही है. डिस्ट्रिक्ट क्राइम ब्रांच के डिप्टी SP 10 लोगों की टीम का नेतृत्व करेंगे. पीड़ित की जाति की जानकारी वेरिफाई होने के बाद आरोपियों के खिलाफ SC/ST एक्ट से संबंधित धाराएं लगाई जाएंगी."
बुधवार, 17 दिसंबर की शाम को बघेल पर एक भीड़ ने बेरहमी से हमला किया था. वे कुछ दिन पहले ही नौकरी की तलाश में पलक्कड़ पहुंचे थे. बघेल वायालार पुलिस स्टेशन के पास अट्टापल्लम में अपने रिश्तेदार के साथ रह रहे थे. रिपोर्ट के मुताबिक, बघेल कथित तौर पर रास्ता भटक गए और एक गांव में फंस गए, जहां उन पर चोर होने का शक किया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि अंदरूनी चोटों से ज्यादा खून बहने की वजह से उनकी मौत हुई थी.
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