The Lallantop

'मुझे चुप कराने की कोशिश...' ईडी के दफ्तर से निकलकर मोदी सरकार पर बरसे रॉबर्ट वाड्रा

रॉबर्ट वाड्रा की शिकोहपुर भूमि सौदा मामले में ईडी के सामने पेशी हुई. ईडी दफ्तर से वापस आने के बाद वाड्रा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब भी वह लोगों की आवाज उठाते हैं, उसे दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जाता है.

Advertisement
post-main-image
रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी की पूछताछ के बाद मोदी सरकार पर निशाना साधा है

कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के पति रॉबर्ड वाड्रा (Robert Vadra) ने ED के समन पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. वह मंगलवार को दूसरी बार के समन पर ED के सामने पेश हुए. ईडी के दफ्तर से निकलने के बाद वाड्रा ने कहा कि जब भी वह मोदी सरकार (Narendra Modi Government) और उनकी नीतियों के खिलाफ बोलते हैं, तब जांच एजेंसियों का दुरुपयोग शुरू हो जाता है. ED को उत्पीड़न का हथियार बताते हुए वाड्रा ने कहा कि जिस मामले में उन्हें समन मिला है, उसमें कुछ भी नहीं है. पिछले 20 सालों में उन्हें 15 बार बुलाया गया है और हर बार 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गई है. 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

वाड्रा ने इंडिया टुडे ग्रुप से कहा

मैंने 23 हजार दस्तावेज जमा किए हैं. ये राजनीतिक बदला लेने की कार्रवाई है. सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. वे मुझे चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं। वे संसद में राहुल को रोकते हैं.

Advertisement

इससे पहले मंगलवार को समन मिलने के बाद वाड्रा पैदल ही ईडी दफ्तर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी वह लोगों के लिए बोलते हैं तो उनकी बात दबाने की कोशिश की जाती है. वाड्रा ने कहा, ‘मैंने हमेशा सभी सवालों के जवाब दिए हैं. आगे भी देता रहूंगा।’

पहले भी जारी हुआ है समन

इससे पहले वाड्रा को 8 अप्रैल को भी समन जारी किया गया था. तब वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. बता दें कि उनकी फर्म स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच की जा रही है. 

Advertisement
क्या है मामला

मामला साल 2018 का है. वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में एक जमीन खरीदी थी. करीबन 3 एकड़ की इस जमीन के लिए साढ़े 7 करोड़ रुपये दिए गए थे. कुछ समय बाद हरियाणा के नगर नियोजन विभाग का नोटिफिकेश आया. इसमें इसी जमीन के 2.71 एकड़ हिस्से पर एक कॉलोनी बसाने का प्लान था. इसके बाद वाड्रा ने इस जमीन के लिए डीएलएफ से समझौता किया और 3 एकड़ की जमीन 58 करोड़ रुपये में बेच दी. केंद्रीय एजेंसी को शक है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग का केस है. इसकी जांच की जा रही है.

वीडियो: चोरी के मामले में आरोपी की जगह जज को अरेस्ट करने पहुंची यूपी पुलिस, बात IG तक पहुंच गई

Advertisement