पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को तरनतारन कोर्ट ने दलित महिला पर हमले और उत्पीड़न के मामले में चार साल की सजा सुनाई है. 10 सितंबर को कोर्ट ने AAP विधायक को दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
दलित महिला के उत्पीड़न के दोषी AAP विधायक मनजिंदर सिंह को सजा कितनी मिली?
AAP MLA Manjinder Singh Lalpura: अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की. Punjab के Taran Taran में उन पर 2013 में हमला हुआ था.


इंडिया टुडे से जुड़े असीम बस्सी की रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल से ज्यादा पुराने मामले में शुक्रवार, 12 सितंबर को एडिशनल सेशन जज प्रेम कुमार ने मनजिंदर सिंह लालपुरा की सजा का एलान किया. 10 सितंबर को कोर्ट ने इस मामले में खडूर साहिब से AAP विधायक लालपुरा के अलावा 10 अन्य लोगों को भी दोषी ठहराया. इनमें 6 पुलिसवाले शामिल हैं. घटना के समय लालपुरा टैक्सी चलाते थे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर को आरोपियों के दोषी ठहराए जाने पर पीड़िता के वकील अमित धवन ने कहा था,
“विधायक लालपुरा और अन्य आरोपियों को IPC की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 148 (दंगा करना, घातक हथियार से लैस होना) और 149 (गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना) और SC/ST एक्ट की धारा 4 के तहत दोषी ठहराया गया है.”
उन्होंने आगे बताया था,
“कुल आरोपियों में से सात- (मनजिंदर सिंह) लालपुरा, सरज सिंह, दविंदर कुमार, कवलदीप सिंह, अश्विनी कुमार, तरसेम सिंह और हरजिंदर सिंह, जो अदालत में मौजूद थे, उन्हें हिरासत में ले लिया गया, जबकि गगनदीप सिंह, नरिंदरजीत सिंह और गुरदीप राज को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है. एक अन्य आरोपी हरविंदर सिंह सुशी पहले से ही तिहाड़ जेल में है.”
पीड़िता ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की. उसने बताया कि इंसाफ के लिए उसे लंबी कानून लड़ाई लड़नी पड़ी. इस दौरान उसे जान से मारने की धमकियां भी दी गईं. पीड़िता अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से ताल्लुक रखती हैं. उन पर 3 मार्च, 2013 को लालपुरा और तरनतारन के कुछ पुलिसवालों समेत अन्य दोषियों ने हमला किया था.
यह घटना उस समय हुई जब शिकायतकर्ता अपने परिवार के सदस्यों के साथ गोइंदवाल रोड पर मौजूद एक मैरिज पैलेस में एक शादी समारोह में आई थी. उत्पीड़न और हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हुआ था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसका स्वत: संज्ञान लिया. सर्वोच्च अदालत ने प्रशासन को पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था.
वीडियो: जालौन डबल मर्डर केस में पूर्व विधायक को उम्रकैद, 1994 में हुई थी हत्या