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कंगना रनौत मानहानि केस खत्म कराने गईं, SC ने फटकार लगा दी, याचिका वापस लेनी पड़ी

Kangana Ranaut ने बठिंडा की कोर्ट में चल रहे मानहानि मामले के खिलाफ Supreme Court में याचिका दायर की थी. लेकिन सर्वोच्च अदालत ने Farmers Protest के दौरान की गई टिप्पणी से जुड़े इस मामले में कंगना को राहत नहीं दी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कंगना रनौत को मानहानि मामले में राहत नहीं दी. (PTI)

सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के दौरान किए गए आपत्तिजनक पोस्ट के मामले में बॉलीवुड एक्ट्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद कंगना रनौत को राहत देने से इनकार किया है. सर्वोच्च अदालत ने उनकी उस याचिका को नहीं माना, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मानहानि के केस को खत्म करने की मांग की थी. ये केस उस ट्वीट की वजह से चल रहा है, जिसमें कंगना ने 2021 के किसान आंदोलन में शामिल एक बुजुर्ग महिला के बारे में विवादित बात कही थी.

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कंगना के ट्वीट पर काफी बवाल हुआ था. उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ, तो राहत पाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. शुक्रवार, 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने उनकी याचिका आई. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वोच्च अदालत ने कहा,

"अपने कॉमेंट्स के बारे में आप क्या कहेंगी? आपने इसमें मसाला डाला है. यह कोई साधारण रीट्वीट नहीं था. इस ट्वीट की व्याख्या को क्वाशिंग पिटिशन (केस रद्द करने की याचिका) में नहीं देखा जा सकता. आपकी सफाई ट्रायल कोर्ट के लिए है, क्वाशिंग याचिका के लिए नहीं.”

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दरअसल, कंगना ने ट्विटर (अब X) पर आरोप लगाया था कि किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग महिला महिंदर कौर को पैसे देकर रखा गया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था,

“हा हा हा, ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैगजीन में सबसे ताकतवर भारतीय बताया गया था... और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं. पाकिस्तानी पत्रकारों ने शर्मनाक तरीके से भारत के इंटरनेशनल PR को हाईजैक कर लिया है. हमें अपने ही लोगों की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी बात कहें.”

कंगना के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने महिंदर कौर के बारे में नहीं, बल्कि दिल्ली के शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन में शामिल एक महिला प्रदर्शनकारी के बारे में बोला था. वकील ने कहा,

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“यह मुद्दा एक रीट्वीट से जुड़ा है. ओरिजनल ट्वीट पर ही अन्य लोगों ने कई रीट्वीट किए थे. उन्होंने बिलकिस बानो या शाहीन बाग दादी के बारे में बात की थी, ना कि प्रतिवादी (महिंदर कौर) के बारे में.”

उन्होंने ये भी कहा कि कंगना ने बाद में सफाई भी दी थी, लेकिन उसे कोर्ट में नहीं माना गया.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ये सफाई मंजूर नहीं की. कोर्ट ने कहा,"हम आपके ट्वीट पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि इससे ट्रायल पर असर पड़ सकता है. क्या आप याचिका वापस लेना चाहते हैं?" 

इसके बाद कंगना के वकील ने याचिका वापस ले ली.

पंजाब के बठिंडा जिले के कोर्ट में कंगना के खिलाफ इंडियन पीनल कोड (IPC ) की धारा 499 और 500 के तहत केस चल रहा है. इसमें आरोप है कि कंगना ने महिंदर कौर को गलत तरीके से बदनाम किया और उनकी सम्मान को ठेस पहुंचाई है. 22 फरवरी 2022 को कोर्ट ने कंगना को समन जारी किया था.

इसके बाद कंगना ने समन के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन 1 अगस्त को हाई कोर्ट ने कंगना की याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि मजिस्ट्रेट ने समन जारी करने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल किया था और पहली नजर में मानहानि का मामला बनता है.

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