उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हाल ही में एक DISHA बैठक के दौरान सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्य सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस हो गई. इस बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. वीडियो में कई आवाजें एक साथ सुनाई दे रही हैं. इसलिए पूरी तरह समझ नहीं आ रहा है कि दोनों नेताओं के बीच आखिर किस बात पर बहस हुई. थोड़ा बहुत जो सुनाई दिया, उसमें राहुल गांधी कह रहे हैं कि वो अध्यक्ष हैं, इसलिए अगर कुछ कहना है तो चेयरमैन को एड्रेस करते हुए ही कहना है. वहीं दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि अगर गलत सवाल किए जाएंगे तो वो नहीं मानेंगे.
रायबरेली की 'DISHA' बैठक में राहुल गांधी की सीएम योगी के मंत्री से तीखी बहस, वीडियो वायरल
दिनेश सिंह ने राहुल गांधी से साफ-साफ कहा कि अगर वो गाइडलाइन के अंदर रहेंगे, तभी अध्यक्ष की भूमिका निभा सकते हैं अन्यथा नहीं.


अब इस विवाद पर दिनेश प्रताप सिंह ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. इसमें उन्होंने राहुल गांधी के रवैये पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बैठक के ‘निर्धारित एजेंडे से हटकर अन्य मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे’, जिसे उन्होंने सख्ती से रोका.
दिनेश सिंह के अनुसार, DISHA (डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कोऑर्डिनेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) बैठक के नियमों के तहत केवल 43 निर्धारित कार्यक्रमों पर ही चर्चा होनी चाहिए. राहुल गांधी बैठक में अलग-अलग विषयों पर बोलना चाहते थे. सिंह ने उन्हें साफ-साफ कहा कि अगर आप गाइडलाइन के अंदर रहेंगे, तभी अध्यक्ष की भूमिका निभा सकते हैं अन्यथा नहीं.
आजतक से जुड़े समर्थ श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के मंत्री ने कहा,
“राहुल जब-जब दिशा को लेकर कुछ बोलते थे तो मुझे लगता था कि वो असंवैधानिक है. लेकिन उन्हें लगता था कि वो अध्यक्ष हैं और वही सब कुछ हैं. जिस पर मैं कहता था कि आप अध्यक्ष हैं लेकिन आप सब कुछ नहीं हैं. मैंने लोकसभा में बहुत देखा है कि वो वहां अध्यक्ष का कहना नहीं मानते हैं, तो मैं उनका कहना मानने के लिए यहां बाध्य नहीं हूं. मैंने उनसे कहा कि अगर वो दिशा गाइडलाइन के अनुसार बात करेंगे तो मैं सहमत करूंगा, लेकिन अगर वो सरकार को कटघरे में खड़ा कर राजनीति करेंगे तो मैं सहमत नहीं रहूंगा.”
दिनेश ने आगे कहा,
“मैंने उन्हें मजबूर किया और दिशा की गाइडलाइन के विरोध में एक लाइन भी नहीं बोलने दी. अधिकारियों ने राहुल गांधी के हर सवाल का सटीक जवाब दिया. राहुल बार-बार यही कह रहे थे कि मैं जो कहूंगा वही होगा, जिस पर मैं बार-बार कह रहा था ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा. जो गाइडलाइन में होगा वही होगा.”
यूपी के मंत्री से जब ये पूछा गया कि राहुल ने अधिकारियों पर सवाल उठाया, तो उन्होंने कहा,
बेटे की फोटो पर क्या बोले?“अधिकारियों के ऊपर उंगली उठाने से पहले राहुल गांधी ये सोचें कि जब किसी पर उंगली उठती है तो आप पर दो उठती हैं. राहुल गांधी से पहले उनकी मां यहां थीं. सरकार ने कहा एक आदर्श गांव का चयन कर लो. आज तक रायबरेली में उनका परिवार एक आदर्श गांव का चयन नहीं कर पाए हैं, और कह रहे हैं सांसद निधि का उपयोग नहीं हो रहा है.”
दिनेश प्रताप के बेटे की राहुल से साथ हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर वायरल हुई. इस पर उन्होंने कहा,
'मंत्री कब्र खोद रहे हैं'“पहली बार दिशा की बैठक में राहुल गांधी ने अच्छा काम किया. बैठक के बाद उठे और जिधर विधायक ब्लॉक प्रमुख बैठे थे वो उधर गए और लोगों से हाथ मिलाने लगे. उसी में मेरे बेटे से भी उन्होंने हाथ मिलाया. संभव है उन्हें ये ना पता हो कि वो मेरा बेटा है. लेकिन उन्होंने हाथ मिलाया. हमारे आलोचक और कांग्रेस के किराए के भाड़े के लोग मेरे बेटे की फोटो पूरे देश में वायरल कर रहे हैं, जिससे रायबरेली की जनता नाराज हो जाए और बीजेपी नाराज हो जाए. उन्हें ये नहीं पता है कि भारतीय संस्कृति यही कहती है. बल्कि मुझे तो दुख है कि मेरे बेटे ने राहुल गांधी के पैर क्यों नहीं छुए, क्योंकि वो उम्र में उससे बड़े हैं.”
इस मामले पर अमेठी से लोकसभा सांसद किशोरी लाल शर्मा का बयान सामने आया है. उन्होंने राहुल गांधी और दिनेश प्रताप के इस विवाद पर कहा,
“दिशा की बैठक में जो चेयरपर्सन होता है उससे अनुमति लेकर बोलना पड़ता है. लेकिन दिनेश प्रताप बिना अनुमति के अधिकारी से बोल रहे थे. जिसके बाद राहुल गांधी ने उन्हें रोकते हुए कहा कि हाउस ये अलाउड नहीं करता है.”
किशोरी लाल ने कहा कि बीजेपी के मंत्री कब्र खोद रहे हैं. इन लोगों को हाउस की मर्यादा नहीं पता है.
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