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आंखों को अपने पेशाब में डुबो-डुबो कर 'ठीक' करती है ये महिला, वीडियो देख इंटरनेट पर भूकंप

महिला ने वीडियो में बड़े कॉन्फिडेंस से बताया कि वो सुबह का फ्रेश यूरिन लेती हैं और उससे आंखें धोती हैं. लेकिन डॉक्टर्स और नेटिजन्स ने इस पर लताड़ लगानी शुरू कर दी.

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नूपुर पिट्टी ने तो वीडियो डाल नया बखेड़ा खड़ा कर दिया. लेकिन सवाल ये है कि क्या आप भी ऐसे नुस्खे आजमाएंगे? या कहेंगे, “बस करो, दीदी, अब तो हद हो गई!” (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

पुणे की एक महिला ने पेशाब से आंख धोने का एक वीडियो (Urine Eye Wash) डालकर इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है! महिला ने दावा किया है कि ये ‘नेचुरल हीलिंग’ है, यानी ऐसा करके आप आंखों को ‘प्राकृतिक रूप से’ ठीक कर सकते हैं. लेकिन इंटरनेट यूजर्स ने इस पर सवाल उठा दिए हैं. कुछ तो सीधा-सीधा बोले हैं “आंटी, ये क्या नया ड्रामा? डॉक्टर को दिखाओ, पेशाब को छोड़ो!”

पेशाब से आंखें मलती महिला का वीडियो वायरल

वीडियो शेयर करने वाली महिला का नाम है नूपुर पिट्टी. नूपुर खुद को ‘मेडिसिन-फ्री लाइफ कोच’ बताती हैं. हाल में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो डाला, जिसमें वो सुबह-सुबह अपने पेशाब से आंखें धो रही हैं. जी हां, आपने सही सुना- पेशाब! वीडियो का टाइटल है, “Urine Eye Wash- Nature's Own Medicine.”

नूपुर का दावा है कि इससे आंखों की रेडनेस, ड्राइनेस और इरिटेशन ‘ठीक’ हो जाती है. लेकिन इंटरनेट पर जब लोगों ने वीडियो देखा तो उन्होंने कई तरह के सवाल किए. कोई बोला, “आंटी, आप ठीक तो हैं ना?” तो किसी ने कहा कि, “ये क्या नया स्टंट है?” नूपुर ने वीडियो में बड़े कॉन्फिडेंस से बताया कि वो सुबह का फ्रेश यूरिन लेती हैं और उससे आंखें धोती हैं. साथ में आंखों को इधर-उधर, ऊपर-नीचे घुमाती हैं ताकि पेशाब हर कोने में पहुंच जाए. फिर हल्के से आंखें थपथपाती हैं और हाथों की गर्मी से आंखों को रिलैक्स करती हैं.

सुनने में तो लगता है कि जैसे वो कोई आयुर्वेदिक नुस्खा बता रही हों. लेकिन डॉक्टर्स और नेटिजन्स ने इस पर लताड़ लगानी शुरू कर दी. मशहूर हेपेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सिरियक एब्बी फिलिप्स (X पर ‘द लिवर डॉक’ के नाम से फेमस) ने इस वीडियो को शेयर करके चेतावनी दी है. उन्होंने लिखा,

“प्लीज, अपनी आंखों में पेशाब मत डालो. यूरिन स्टेराइल नहीं होता.”

वहीं लोगों ने भी इस वीडियो पर आश्चर्य और गुस्से में प्रतिक्रिया व्यक्त की. एक व्यक्ति ने कमेंट किया,

“क्यों, क्यों? लोग शरीर की गंदगी को वापस शरीर में डालने को कैसे उचित ठहराते हैं?”

एक अन्य यूजर ने लिखा,

"अगर पेशाब शरीर के लिए इतना उपयोगी होता, तो वह उसे बाहर नहीं निकालता. ये लोग शरीर की गंदगी को इकट्ठा कर रहे हैं और उसका फिर से उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. मेरा मतलब है कि ये किस तरह की मानसिकता है?"

एक सज्जन ने लिखा,

"लोग ये क्यों नहीं समझते कि बॉडी वेस्ट बाहर निकलना एक जैविक प्रक्रिया है और इसका किसी भी तरह से उपयोग करना उसे नुकसान पहुंचाएगा."

कुछ लोगों ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जिक्र किया है, जो पेशाब पीने की वकालत करते थे. लेकिन डॉक्टर्स साफ कहते हैं कि यूरिन में टॉक्सिन्स और बैक्टीरिया होते हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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