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लद्दाख में हिंसक हुआ प्रोटेस्ट, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर फेंके पत्थर, CRPF की गाड़ी जलाई

Ladakh में चल रहा प्रदर्शन बुधवार को हिंसक (Protests in Ladakh) हो गया. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्र आमने-सामने आ गए, जिससे दोनों के बीच झड़प हो गई. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और CRPF की गाड़ी में आग भी लगा दी. जानिए लद्दाख में क्यों हो रहे हैं ये प्रदर्शन.

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लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. (Photo: ITG)

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग के लिए चल रहा प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार, 24 सितंबर को लद्दाख बंद (Ladakh Bandh) बुलाया था. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग लेह में इकट्ठा हुए. कई छात्र भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षाविद सोनम वांगचुक के समर्थन में सड़कों पर उतर आए.

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इस बीच छात्रों की पुलिस से झड़प हो गई. आज तक की रिपोर्ट के अनुसार झड़प होने पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके. CRPF की एक गाड़ी में आग भी लगा दी गई. इसके अलावा कई बिल्डिंग्स में भी आगजनी की तस्वीरें सामने आई हैं. भाजपा ऑफिस के बाहर भी भीड़ ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया.

क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

फिलहाल सुरक्षाबलों की ओर से स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया जा रहा है. गौरतलब है कि सोनम वांगचुक के नेतृत्व में ‘लद्दाख एपेक्स बॉडी’ लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रही है. साथ ही उनकी मांग है कि इसे संविधान की छठवीं अनूसूची (6th Schedule of Constitution) में भी शामिल किया जाए. इसे लेकर वांगचुक समेत लद्दाख के कई निवासी पिछले दो हफ्तों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं.

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क्या है 6वीं अनूसूची?

बता दें कि संविधान की छठी अनुसूची (6th Schedule ) के तहत पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को विशेष स्वायत्तता यानी ऑटोनॉमी दी गई है. इसके तहत स्वायत्त जिला परिषदें (Autonomous District Councils) बनाई जाती हैं. इन काउंसिल के पास अपने क्षेत्र में जमीन, जंगल, परंपरा से जुड़े कानून बनाने का अधिकार होता है. साथ ही स्थानीय प्रशासन चलाने और टैक्स वसूलने का भी अधिकार इन्हें प्राप्त होता है. असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम राज्यों को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल किया गया है.

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2019 में बनाया गया था केंद्र शासित प्रदेश

गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया था. जम्मू-कश्मीर को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. वहीं लेह और कारगिल को मिलाकर लद्दाख को एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. अब इसी लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है.

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