नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में जारी हिंसक Gen Z प्रोटेस्ट ने देश की राजनीति को हिला दिया है. इसी बीच, भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने नेपाल की स्थिति पर गहरी चिंता जताई है (PM Modi reacts as Nepal PM resigns). उन्होंने पड़ोसी देश के लोगों से शांति की अपील की है.
नेपाल संकट पर पीएम मोदी का पहला बयान, Gen Z से क्या कहा?
पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में नेपाल के घटनाक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा की है.


पीएम मोदी 9 सितंबर की सुबह हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे पर थे. X पर एक पोस्ट में उन्होंने बताया कि वहां से लौटने के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक में नेपाल के घटनाक्रम को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. पीएम मोदी ने लिखा,
“नेपाल में हुई हिंसा हृदयविदारक है. ये जानकर बहुत पीड़ा हुई कि इसमें अनेक युवाओं की जान गई है. नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मैं नेपाल के अपने सभी भाई-बहनों से विनम्र अपील करता हूं कि वो शांति-व्यवस्था बनाए रखें.”
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने 9 सितंबर को नेपाल में जारी अशांति के बीच वहां रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एक सुरक्षा सलाह जारी की. इसमें नेपाल में रहने वाले भारतीयों से आग्रह किया गया है कि वो घर के अंदर ही रहें, सड़कों पर निकलने से बचें और अत्यधिक सावधानी बरतें. विदेश मंत्रालय ने नेपाली अधिकारियों द्वारा जारी स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से लगातार जानकारी लेते रहने की भी सलाह दी है.
MEA के नोटिस में ये भी कहा गया कि देश में सब कुछ स्थिर होने तक भारतीय नागरिक नेपाल की यात्रा स्थगित रखें.
नेपाली सेना की अपीलउधर, नेपाल आर्मी और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने संयुक्त अपील जारी कर शांति की मांग की है. आर्मी ने कहा कि वो देश की स्वतंत्रता, संप्रभुता और नागरिकों की जान-माल की रक्षा करेगी. सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने अपने बयान में आंदोलन के दौरान हुए जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई और कहा,
"नेपाली सेना आम लोगों, मित्र देशों के राजनयिक मिशनों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. ये हम सभी का कर्तव्य है कि हम देश के सर्वोपरि हितों की रक्षा करें."
जनरल सिग्देल ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने और हिंसक गतिविधियों से बचने का अनुरोध किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान चुनौतीपूर्ण स्थिति में शांति स्थापित करना और बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान निकालना जरूरी है. नेपाली सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि आंदोलन के दौरान हिंसा और अशांति से न केवल नागरिकों का जीवन प्रभावित होता है, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचता है. उन्होंने "जय मातृभूमि, जय देश" का नारा देते हुए सभी पक्षों से एकजुट होकर देश हित में योगदान देने की अपील की.
वीडियो: नेपाल में Gen-Z का प्रोटेस्ट जारी, प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन को किया आग के हवाले