बिहार के भागलपुर के वोटर लिस्ट (Bihar Voter List) में एक ऐसी पाकिस्तानी महिला का नाम मिला है, जो 1958 में भारत आईं थीं और अभी भागलपुर में ही रह रही हैं. हैरानी की बात है कि चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) में उनके नाम का सत्यापन भी किया है. ये मामला तब प्रकाश में आया, जब गृह मंत्रालय ने वीजा अवधि से अधिक समय तक रहने वाले विदेशी नागरिकों की जांच शुरू की.
पाकिस्तानी महिला 67 साल से भागलपुर में रह रही, SIR में सत्यापन भी हो गया, नहीं कटा वोट
Bhagalpur Voter List: वीजा समाप्त होने के बाद पाकिस्तानी महिला सालों से अवैध तरीके से बिहार में रह रही हैं. हैरानी की बात ये है कि ECI के SIR प्रोसेस में उसके नाम का सत्यापन भी हुआ है.


न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) फरजाना खानम ने इस मामले को लेकर बताया,
मुझे विभाग से उनका पासपोर्ट नंबर वाला एक पत्र मिला, जिसकी मैंने दोबारा जांच की. हमें उनका नाम हटाने के लिए कहा गया है. उनका नाम इमराना खानम है... वो बात करने की स्थिति में नहीं थीं. वो वृद्ध और अस्वस्थ हैं.
विभाग के आदेशानुसार, मैंने फॉर्म भरकर उनका नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. उनका पासपोर्ट 1956 का है और उन्हें 1958 में वीजा मिला था. वो पाकिस्तान से हैं... जांच का अगला चरण विभाग द्वारा किया जाएगा... मुझे 11 अगस्त को गृह मंत्रालय से एक नोटिस मिला था.
भागलपुर के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है,
जानकारी के अनुसार, उनका (पाकिस्तानी महिला) नाम मतदाता सूची में पाया गया है. सत्यापन के बाद, उनका नाम हटाने के लिए फॉर्म 7 भर दिया गया है. उचित प्रक्रिया और जांच के बाद, उनका नाम हटा दिया जाएगा.
इस मामले के सामने आने के बाद चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.
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पाकिस्तानी वोटर का एक और मामलाकुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक और पाकिस्तानी महिला को लेकर भी ऐसा ही दावा किया गया है. रिपोर्ट है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वालीं फिरदौसिया खानम उर्फ फिरदौसिया खातून का नाम भी वोटर लिस्ट में पाया गया है. वो भी सालों से अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बावजूद भागलपुर में रह रही हैं.
इस मामले को लेकर अधिकारियों का कहना है कि महिला के पास आधार और मतदाता पहचान पत्र थे. लेकिन SIR के दौरान पाया गया कि वो भारत में अवैध रूप से रह रही थीं, उनके वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी थी और उसे कभी रिन्यू भी नहीं कराया गया था. अधिकारियों ने कहा है कि फिरदौसिया का नाम भी वोटर लिस्ट से हटाया जाएगा. इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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