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लल्लनटॉप की टीम को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेकर छोड़ा, SCC प्रोटेस्ट की रिपोर्टिंग के दौरान कैमरा, माइक, फोन छीना

SSC Protest: दिल्ली पुलिस ने The Lallantop की टीम से माइक, कैमरा और मोबाइल फोन छीन लिए. रिपोर्टर रजत पांडे और कैमरापर्सन राशिद अली काजमी को हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया.

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दिल्ली पुलिस ने दी लल्लनटॉप की टीम को हिरासत में लेकर छोड़ा.

दिल्ली के रामलीला मैदान में स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) के प्रोटेस्ट को कवर करने गई दी लल्लनटॉप की टीम को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लेकर छोड़ दिया. पुलिस ने पहले रिपोर्टर रजत पांडे और कैमरापर्सन राशिद अली काजमी को विरोध प्रदर्शन की कवरेज करने से रोका, फिर बाद में हिरासत में ले लिया. जब मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया.

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हिरासत में लेने के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके पास से माइक, कैमरा और मोबाइल फोन छीन लिए. जब हमने रिपोर्टर को फोन किया तो स्वयं को पुलिसकर्मी बताने वाले एक व्यक्ति ने फोन उठाया और दोनों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की थी.

पुलिस ने लल्लनटॉप टीम को हिरासत में लेकर उसी बस में बैठाया जिसमें प्रदर्शनकारी थे. फिर वे बस को लेकर थाने के लिए रवाना हो गए. दी लल्लनटॉप ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को कई फोन किए. आला अधिकारियों को सूचना मिली तो आनन-फानन में बीच में बस रुकवा कर दोनों पत्रकारों को छोड़ दिया गया. बस प्रदर्शनकारियों को लेकर आगे रवाना हो गई.

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ज्यादा जानकारी के लिए लल्लनटॉप ने DCP सेंट्रल (दिल्ली पुलिस) निधिन वाल्सन को फोन किया. उन्हीं के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई थी. उन्होंने इसे गलतफहमी बताते हुए कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया गया था और उनके साथ गलती से लल्लनटॉप के पत्रकारों को भी बस में बैठा लिया गया. जबकि सच ये है कि पुलिस ने हिरासत में लेते हुए प्रेस कार्ड, माइक और कैमरा भी जब्त किए थे.

हिरासत से छूटने के बाद रिपोर्टर रजत पांडे ने हमें बताया,

"कस्टडी के दौरान हमने दिल्ली पुलिस को लगातार बताया कि हम पत्रकार हैं. पुलिस भी बहुत अच्छी तरह जानती थी कि हम पत्रकार हैं. इसलिए पुलिस ने हमारे प्रेस कार्ड, माइक और कैमरा जब्त कर लिए. क्या कोई प्रदर्शनकारी प्रेस कार्ड, माइक या कैमरा लेकर प्रदर्शन करने जाता है? पुलिस जानती थी कि वो किन्हें हिरासत में ले रही है."

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वहीं, कैमरापर्सन राशिद अली काजमी ने बताया कि उन्हें धक्का मारा गया. उन्होंने कहा,

"पुलिस ने हमसे आइडी कार्ड मांगा, हमने दिखाया. आईडी कार्ड देखकर कहा कि डाउट है, इसकी जांच होगी. फिर धक्के मारते हुए बस में बैठा लिया. फिर आधे रास्ते में कनाट प्लेस में छोड़ दिया."

हालांकि, जब लल्लनटॉप ने अपने पत्रकारों के साथ हुई इस घटना को पुलिस के सामने उठाया, तो दोनों पत्रकारों को छोड़ दिया गया.

दरअसल, SSC सेलेक्शन पोस्ट फेज 13 भर्ती और स्टेनोग्राफर परीक्षा में कथित बदइंतजामी को लेकर 24 अगस्त को देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. अभ्यर्थी और शिक्षक 'दिल्ली चलो' आह्वान के तहत रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए और प्रक्रिया में सुधार और जवाबदेही की मांग की.

दी लल्लनटॉप की टीम ने अभ्यर्थियों और शिक्षकों की मांगों को जानने के लिए रामलीला मैदान पहुंची. यहां दिल्ली पुलिस ने ना केवल दी लल्लनटॉप की टीम को रिपोर्टिंग से रोका, बल्कि हिरासत में भी ले लिया था.

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