'रूस न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है, चीन कर रहा है, लेकिन वो उस बारे में बात नहीं करते. हम टेस्ट करना शुरू करेंगे क्योंकि वो और बाकी सब लोग कर रहे हैं. और जाहिर तौर पर नॉर्थ कोरिया भी कर रहा है. पाकिस्तान भी कर रहा है. लेकिन वो इस बारे में कोई डिटेल जारी नहीं करते.' ये शब्द हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के. ट्रंप साहब ने कहा है कि उनकी लीडरशिप में अब अमेरिका फिर से न्यूक्लियर हथियारों का टेस्ट (Nuclear Test) शुरू करेगा. अब ट्रंप ने कहा तो वो कर भी सकते हैं. लेकिन इस बीच उन्होंने जिन देशों का नाम लिया, उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि अब क्या कहें. खासकर पाकिस्तान (Pakistan) को, जो कि हमेशा से ट्रंप के लिए 'यस सर' वाला देश रहा है.
'पाकिस्तान जमीन के नीचे सीक्रेट न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है', US प्रेसीडेंट ट्रंप के इस दावे पर पाक ने क्या कहा?
Pakistan का आखिरी Known Nuclear Explosive Test 1998 में हुआ था. तब से उसकी सरकार का कहना है कि उसने Nuclear Testing पर रोक लगा रखी है. हालांकि वह इंटरनेशनल कॉम्प्रिहेंसिव टेस्ट बैन ट्रीटी (CTBT) का Signatory नहीं है जो न्यूक्लियर टेस्ट और उसके प्रसार को रोकती है.


मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ. ट्रंप कहते रहे कि उन्होंने ही ये सीजफायर करवाया है. पाकिस्तान ने कहा 'यस सर,आपने ही करवाया है'. लेकिन भारत ने खुले मंच से प्रेसिडेंट ट्रंप के दावे को नकार दिया. लेकिन अब उन्होंने न्यूक्लियर टेस्ट को लेकर जो बयान दिया है, वो पाकिस्तान को असहज कर रहा है. इसलिए पाकिस्तान ने अब डैमेज कंट्रोल के लिए एक बयान दिया है. CBS न्यूज से बात करते हुए एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि,
पाकिस्तान पहले न्यूक्लियर टेस्ट नहीं करेगा. साथ ही पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट को फिर से शुरू करने की पहल नहीं करेगा.
90 के दशक के बाद से नॉर्थ कोरिया न्यूक्लियर टेस्ट करने वाला इकलौता देश है. इसके अलावा चीन का आखिरी न्यूक्लियर एक्सप्लोसिव टेस्ट जो सार्वजनिक रूप से घोषित था, वो 1996 में हुआ था. वहीं पाकिस्तान का आखिरी ज्ञात न्यूक्लियर एक्सप्लोसिव टेस्ट 1998 में हुआ था. तब से उसकी सरकार का कहना है कि उसने न्यूक्लियर टेस्टिंग पर रोक लगा रखी है. हालांकि वह इंटरनेशनल कॉम्प्रिहेंसिव टेस्ट बैन ट्रीटी (CTBT) का सिग्नेटरी नहीं है. यानी पाकिस्तान उन देशों में शामिल नहीं है जिन्होंने CTBT के तहत न्यूक्लियर टेस्ट न करने के वादे पर साइन किया है. कुल मिलाकर लगभग 180 देश ऐसे हैं जिन्होंने CTBT पर साइन किए हैं. CTBT सभी एटॉमिक टेस्ट धमाकों पर बैन लगाता है. दिलचस्प बात ये है कि अमेरिका भी इनमें शामिल है. हालांकि रूस ने 2 साल पहले खुद को इस ट्रीटी से अलग कर लिया था.
चीन ने ट्रंप के दावे पर क्या कहा?ट्रंप ने दावा किया कि चीन भी गुप्त तरीके से न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है. ट्रंप के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर, चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि,
एक जिम्मेदार न्यूक्लियर शक्ति वाले देश के तौर पर, चीन ने हमेशा आत्मरक्षा की न्यूक्लियर रणनीति अपनाई है. चीन ने हमेशा न्यूक्लियर टेस्ट रोकने की अपनी कमिटमेंट का पालन किया है.
उन्होंने कहा कि चीन को उम्मीद है कि अमेरिका Nuclear Disarmament and Non-proliferation Regime की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा. साथ ही वो वैश्विक रणनीतिक संतुलन और स्थिरता बनाए रखेगा. वहीं ट्रंप के अनुसार रूस ने भी गुप्त न्यूक्लियर टेस्ट किए हैं.
वीडियो: दुनियादारी: पाकिस्तान चोरी-छिपे कर रहा न्यूक्लियर टेस्ट, डॉनल्ड ट्रंप के दावे में कितनी सच्चाई?



















