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‘पुलिस वाले होते तो बच जाती जान...’ ट्रेन हादसे पर घरवालों ने रेलवे पर लगाए लापरवाही का आरोप

परिवारवालों ने आरोप लगाया कि यह हादसा रेलवे स्टेशन पर सही सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से हुआ. उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. दावा किया कि वे अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे और यात्रियों को गलत तरफ से ट्रेन से उतरने और पटरियों पर चलने दिया.

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चुनार रेलवे स्टेशन की घटना. (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बुधवार 5 नवंबर को ट्रेन से कटकर 6 महिलाओं की मौत हो गई थी. हादसे पर अब जान गंवाने वालों के परिवारवालों का बयान सामने आया है. परिवार के लोगों ने आरोप लगाया कि हादसा रेलवे स्टेशन पर सही सुरक्षा इंतजाम न होने की वजह से हुआ. एक पीड़िता के पिता ने तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. 

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इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पीड़ितों के घरवालों में से एक 16 साल के विशाल कुमार ने बताया कि घर से निकलने के लगभग दो घंटे बाद हमें हादसे के बारे में पता चला. हमारे परिवार के चार लोगों की मौत हो गई. वे घटनास्थल पर पहुंचे. जो लोग बच गए उन्होंने उन्हें बताया कि वे पटरी पार कर रहे थे.

विशाल ने बताया कि जान गंवाने वालों में उनकी मां सविता देवी, दो चचेरी बहनें - साधना (12) और उनकी बहन शिवकुमारी (16) और एक अन्य रिश्तेदार अंजू देवी (21) शामिल थीं. उनकी बहन साधना 8वीं क्लास की छात्रा थी. शिवकुमारी कक्षा 12 में पढ़ रही थी. वहीं, अंजू ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही थी. उनकी मां सविता हाउसवाइफ थीं.

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घटना वाले दिन को याद करते हुए विशाल ने कहा कि वे पिछले एक हफ्ते से गंगा स्नान के लिए जाने की योजना बना रहा थे. यह उनका पहला मौका नहीं था. इससे पहले भी वे कई बार जा चुके थे. हादसे का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि वे पटरी पार कर रहे थे. कुछ तो दूसरी तरफ पहुंच गए. लेकिन कुछ की स्पीड धीमी हो गई और वे एक गुजरती हुई ट्रेन की चपेट में आ गए.

लापरवाही का आरोप

इतना ही नहीं, परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे स्टेशन पर सही सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण यह हादसा हुआ. साधना और शिवकुमारी के पिता विजय शंकर ने उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाई और यात्रियों को ट्रेन से गलत तरफ उतरकर पटरियों के किनारे चलने दिया. वहीं, टैक्सी चालक विजय ने आरोप लगाया कि अगर पर्याप्त पुलिस बल तैनात होता तो कोई भी यात्री रेल की पटरी पार करने की हिम्मत नहीं करता. 

परिवारों ने जताया दुख

अंजू के पिता श्यामा प्रसाद (56) ने कहा कि इस त्रासदी ने उनके पूरे परिवार को तहस-नहस कर दिया है. उन्होंने आंसू रोकते हुए कहा कि इसने तीनों परिवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है. वह अपनी बेटी की जल्द ही शादी करने की तैयारी कर रहे थे. इस नुकसान ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया है. 

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5वीं पीड़िता कलावती देवी (50) पड़ोसी सोनभद्र जिले की रहने वाली थीं. उनके पति जनार्दन यादव का कहना है कि उन्हें अभी भी समझ नहीं आ रहा है कि यह कैसे हुआ. पल भर में सब कुछ बदल गया.  वहीं, रेलवे पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सुरक्षा के लिए एक पुलिस टीम तैनात की गई थी.

कैसे हुआ था हादसा

यह दर्दनाक हादसा बुधवार 5 नवंबर को सुबह साढ़े 9 बजे हुआ. कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए आए कई श्रद्धालु चोपन-प्रयागराज पैसेंजर से चुनार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर उतरे थे. भीड़ की वजह से यात्री ट्रेन के प्लेटफॉर्म वाली तरफ नहीं, बल्कि दूसरी तरफ उतर गए थे. यहां दूसरी दिशा से आ रही ट्रेन संख्या 12311 नेताजी एक्सप्रेस मेन लाइन से गुजर रही थी.

नेताजी एक्सप्रेस ट्रेन का स्टॉपेज चुनार में होता नहीं है. इसलिए ट्रेन की स्पीड भी ज्यादा थी. ऐसे में ट्रेन श्रद्धालुओं को टक्कर मारते हुए निकल गई. ट्रेन से टकराने के बाद इसकी चपेट में आए श्रद्धालुओं के चिथड़े उड़ गए. हादसे में कुल 6 महिलाओं की जान चली गई.

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