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ममता ने SIR के विरोध में रैली निकाली, फॉर्म लेकर घर पहुंच गए BLO, फिर क्या हुआ?

SIR in West Bengal: यह सब उस बीच हुआ, जब Mamata Banerjee और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस SIR का लगातार विरोध कर रही है. ममता और TMC के अन्य नेता इसे लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर हैं. उनका आरोप है कि SIR को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

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ममता बनर्जी के घर SIR का फॉर्म लेकर पहुंचे BLO. (Photo: File/ITG)
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अनिर्बन सिन्हा रॉय

पश्चिम बंगाल में इन दिनों चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जबरदस्त घमासान चल रहा है. इस बीच एक एक दिलचस्प वाकया भी हुआ. जहां ममता बनर्जी ने कोलकाता में SIR के विरोध में एक बड़ी रैली निकाली. अगले ही दिन उनके घर पर चुनाव आयोग के अधिकारी SIR का फॉर्म लेकर पहुंच गए. उन्होंने खुद ममता बनर्जी को यह फॉर्म थमाया. ममता ने कहा कि इसे भरने के बाद वह उन्हें सूचित करेंगी.

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12 राज्यों में SIR शुरू 

मालूम हो कि चुनाव आयोग ने बिहार के बाद अब 12 और राज्यों में SIR कराने की घोषणा की है. इन राज्यों में SIR की प्रक्रिया शुरू हो गई है. पश्चिम बंगाल भी इसमें शामिल है, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होना है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार, 5 नवंबर को बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) एन्यूमरेशन फॉर्म लेकर ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचे. SIR प्रक्रिया के तहत मतदाताओं से जानकारी इकट्ठा करने के लिए यह फॉर्म भरवाया जाता है.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जब बीएलओ ममता के आवास पर पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि फॉर्म उन्हें दे दें. लेकिन बीएलओ ने उन्हें बताया कि चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार फॉर्म केवल मुख्यमंत्री को ही दिया जाएगा. इसके बाद बीएलओ को सीएम के आवास पर स्थित ऑफिस में भेजा गया. वहां मुख्यंमत्री ममता ने खुद बीएलओ से एन्यूमरेशन फॉर्म लिया. ममता ने कहा कि वह फॉर्म भरने के बाद उन्हें सूचित करेंगी.

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TMC कर रही है विरोध

यह सब उस बीच हुआ, जब ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस SIR का लगातार विरोध कर रही है. ममता और TMC के अन्य नेता इसे लेकर चुनाव आयोग और भाजपा पर हमलावर हैं. उनका आरोप है कि SIR को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे 2026 विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में धांधली की जा सके. ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ कोलकाता में मार्च भी निकाला था, जिसमें बड़ी संख्या में टीएमसी नेता और कार्यकर्ता जुटे थे.

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