सेक्स के दौरान दर्द न हो. जलन न हो. इसलिए कई लोग लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करते हैं. लुब्रिकेंट यानी कोई भी ऐसी चीज़, जो फ्रिक्शन (घर्षण या रगड़) कम करने का काम करे. जैसे मशीन स्मूदली काम करे, इसलिए, उसमें तेल या ग्रीस डाला जाता है. ठीक वैसे ही सेक्स के दौरान भी लुब्रिकेंट का इस्तेमाल होता है.
सेक्स के दौरान इन 4 चीजों को ना करें लुब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल
कई लोग ये सोचकर पेट्रोलियम जैली, नारियल के तेल, थूक और बॉडी लोशंस इस्तेमाल करते हैं कि ये एकदम सेफ हैं. पर ऐसा नहीं है. प्राइवेट पार्ट में इनका इस्तेमाल नुकसानदेह है.


अब बहुत सारे लोग लुब्रिकेंट के लिए नारियल का तेल. थूक. पेट्रोलियम जेली या मॉइस्चराइज़र इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इन चारों का ही इस्तेमाल प्राइवेट पार्ट पर नहीं करना चाहिए.
डॉक्टर मंगला लक्ष्मी, तमिलनाडु बेस्ड फर्टिलिटी एक्सपर्ट हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जो काफी वायरल हो चुका है. इसमें बताया गया है कि हर लुब्रिकेंट सेफ नहीं होता. खासकर जब बात हेल्थ, फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी की हो तो. कई लोग ये सोचकर पेट्रोलियम जैली, कोकोनट ऑयल, थूक और बॉडी लोशंस इस्तेमाल करते हैं कि ये एकदम सेफ हैं. पर ऐसा नहीं है. प्राइवेट पार्ट में इनका इस्तेमाल नुकसानदेह है.
इन सभी चीज़ों को इस्तेमाल करने के क्या नुकसान हैं और सेफ ऑप्शंस क्या हैं? ये हमें बताया आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की यूनिट हेड, डॉक्टर निधि राजोतिया गोयल ने.

डॉक्टर निधि बताती हैं कि कई लोग सेक्स के दौरान नारियल का तेल इस्तेमाल करते हैं. क्योंकि, ये बालों और स्किन के लिए काफी फायदेमंद है. लेकिन लुब्रिकेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इससे लेटेक्स कॉन्डम को नुकसान पहुंचता है. वो फट सकता है और प्रेग्नेंसी हो सकती है.
नारियल का तेल ऑयल-बेस्ड होता है. ये वजाइना का पीएच बैलेंस बिगाड़ सकता है. इससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है. पीएच लेवल एक स्केल है, जो बताता है कि कोई भी चीज़ कितनी एसिडिक या एल्कलाइन है. वजाइना हल्की एसिडिक होती है, ताकि इसमें हानिकारक बैक्टीरिया न बढ़ें. लेकिन नारियल का तेल शरीर के अंदर जाकर ये नेचुरल माहौल बिगाड़ देता है. जिससे इंफेक्शन और खुजली हो सकती है. उस पर नारियल का तेल चिपचिपा होता है. इसे साफ करना मुश्किल हो जाता है. नतीजा? बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा रहता है.
कुछ लोग थूक का भी इस्तेमाल करते हैं. ये सबसे ज़्यादा अनसेफ है. थूक में मुंह के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं. ये वजाइना या पीनस में इंफेक्शन कर सकता है. अगर एक पार्टनर को HIV, हर्पीस या HPV जैसे सेक्स से फैलने वाले इंफेक्शन हैं. तो ये दूसरे पार्टनर को भी हो सकते हैं.
आपके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया, वजाइना के बैक्टीरिया से बिल्कुल अलग होते हैं. जब थूक वजाइना के अंदर पहुंचता है, तो ये वजाइनल माइक्रोबायोम को बिगाड़ देता है. यानी वजाइना में गुड और बैड बैक्टीरिया के बीच इंबैलेंस हो जाता है. जिससे बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसे इंफेक्शन का ख़तरा काफी बढ़ जाता है. इससे डिस्चार्ज में बदलाव, बदबू, खुजली और जलन हो सकती है.
थूक लुब्रिकेंट की तुलना में बहुत तेज़ी से सूखता है. इससे वजाइना या पीनस में सूखापन हो जाता है. नतीजा? चोट, जलन और इंफेक्शन. यानी थूक को लुब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल एकदम नहीं करना चाहिए.

अब बात पेट्रोलियम जैली की. ये ऑयल बेस्ड होती है, इसलिए इससे कॉन्डम फटने का रिस्क होता है. ये वजाइना का नैचुरल पीएच लेवल बिगाड़ सकती है. बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है. नारियल तेल की तरह, इसे भी वजाइना से पूरी तरह साफ करना मुश्किल होता है.
कुछ लोग लुब्रिकेंट के तौर पर मॉइश्चराइजर या बॉडी लोशन लगाते हैं. ये आपकी स्किन के लिए बने हैं, ना कि इंटिमेट एरिया के लिए. इनमें ख़ुशबू, एल्कोहल और दूसरे केमिकल्स होते हैं. जो वजाइना की सेंसेटिव स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इससे वजाइना में जलन, खुजली या इंफेक्शन हो सकता है. ये कॉन्डम को भी कमज़ोर कर देते हैं. जिससे उसके फटने या लीक होने का खतरा बढ़ जाता है.
इसलिए सेक्स के दौरान मेडिकल ग्रेड लुब्रिकेंट ही इस्तेमाल करें. ये आपको फार्मेसी, सुपरमार्केट या ऑनलाइन मिल जाएंगे. आप वॉटर बेस्ड लुब्रिकेंट इस्तेमाल कर सकते हैं. ये कॉन्डम फ्रेंडली होते हैं. आसानी से साफ हो जाते हैं और सबसे सेफ माने जाते हैं. इनसे स्किन में जलन नहीं होती. वजाइना का नेचुरल पीएच भी बना रहता है. सिलिकॉन बेस्ड लुब्रिकेंट भी काफी अच्छे होते हैं. ये ज़्यादा देर तक टिकते हैं और स्किन को नुकसान नहीं पहुंचाते. अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो आप पैराबेन-फ्री और फ्रेग्नेंस-फ्री लुब्रिकेंट ही लें. अगर फिर भी इंफेक्शन या एलर्जी हो, तो डॉक्टर से मिलें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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