जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम में हुए आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) में एक आतंकी समूह का नाम बारहा लिया जा रहा है - दी रेसिस्टेंस फ्रन्ट (TRF). आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का एक प्रॉक्सी ग्रुप. और लश्कर किसका - हाफ़िज़ सईद का. और हाफ़िज़ सईद कहां है? पाकिस्तान (Pakistan) के लाहौर के जौहर टाउन में मौजूद एक घर में. घर में पार्क है, घर में सिक्योरिटी है, सिक्योरिटी वाले बंदे हैं, और है बहुत कुछ.
पहलगाम के हत्यारे की लोकेशन मिल गई, इस जगह छुपकर बैठा है मास्टरमाइंड!
इस कंपाउंड के एक हिस्से में अपने परिवार के साथ हाफ़िज़ सईद रहा करता है. मस्जिद-मदरसे के नीचे बने बंकर में उसका दफ्तर है. सामने बने प्राइवेट पार्क में हाफ़िज़ और उसके परिवार के लोग गाहे बगाहे जश्न वगैरह में शामिल होते हैं.
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इंडिया टुडे की ओपन सोर्स इंवेस्टिगेशन टीम ने एक जियोलोकेशन स्टडी की है. इसके आधार पर लाहौर के जौहर टाउन की एक सैटेलाइट तस्वीर जारी की गई है. इस तस्वीर दिखाई दे रहा है एक बड़ा कंपाउंड. कंपाउंड में क्या क्या है?
एक - मस्जिद + मदरसा जिसमें तहखाना है
दो - इसी मस्जिद से सटा हुआ एक रिहायशखाना
तीन - मस्जिद की उत्तरी दिशा में बना एक रेज़िडेन्शियल कॉम्प्लेक्स
चार - मस्जिद की दक्षिणी दिशा में मौजूद एक प्राइवेट पार्क
खबरों की मानें, तो इस कंपाउंड के एक हिस्से में अपने परिवार के साथ हाफ़िज़ सईद रहा करता है. मस्जिद-मदरसे के नीचे बने बंकर में उसका दफ्तर है. सामने बने प्राइवेट पार्क में हाफ़िज़ और उसके परिवार के लोग गाहे बगाहे जश्न वगैरह में शामिल होते हैं.

इस खबर में उसके चारों ओर मौजूद सुरक्षा चक्र के भी ब्यौरे आए हैं. कहा जा रहा है कि हाफ़िज़ के पास निजी सुरक्षा एजेंसी है, जो 24 घंटे उसकी सुरक्षा में मौजूद रहती है. वहीं, पाकिस्तान की सेना का एक जत्था भी उसकी सेवा में मौजूद रहता है.
इस पत्रकार ने लाहौर के कुछ जानकारों से बात की, तो कुछ और जानकारियां सामने आईं. जैसे - हाफ़िज़ सईद का जौहर टाउन में होना कोई नई बात नहीं है, यहां के स्थानीय लोगों को बखूबी उसकी मौजूदगी की जानकारी है. 74 साल का हाफ़िज़ सईद काफी अशक्त हो चुका है, कई रोगों से ग्रस्त भी है, फिर भी कभी-कभी जनता के बीच दिख जाया करता है.
जानकारों ने ये भी बताया कि पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के नए वेव में हाफ़िज़ सईद के कंपाउंड की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ज्यादा संभावना है कि ISI के इशारों पर नाचने वाली सेना ने अब तक हाफ़िज़ सईद को सेफ हाउस में शिफ्ट कर दिया होगा.
जब हाफ़िज़ के घर के बाहर फटा बम!दरअसल, 23 जून 2021 को सुबह 11 बजे के आसपास जौहर टाउन में हाफ़िज़ सईद के घर के पास एक कार में बम धमाका हुआ. इस धमाके में 3 लोग मारे गए, और 21 लोग घायल हुए. पाकिस्तान की सरकार ने इस ब्लास्ट का इल्जाम भारतीय खुफिया एजेंसी R&AW पर मढ़ दिया. फिर साल 2022 में बलूचिस्तान से समीउल हक़ और उज़ैर अकबर को अरेस्ट किया. दावा - ये दोनों जौहर टाउन बम धमाके के मास्टरमाइंड थे.
बहरहाल, इस धमाके की घटना के बाद से ISI एलर्ट मोड में आया. उसने हाफ़िज़ सईद ही नहीं, मसूद अज़हर, सय्यद सलाहुद्दीन को भी सेफ हाउस में शिफ्ट कर दिया. हल्के खतरे की भी आहट में भी पाकिस्तान ने ऐसे कदम उठाए. उसको ये डर नहीं था कि आतंकी मारे जाएंगे, बल्कि डर ये कि आतंकियों के मारे जाने से ड्रग्स के जरिए आने वाले अकूत पैसे का चैनल टूट जाएगा. इसलिए संभावना इस बात की भी है कि भले ही हाफ़िज़ सईद का घर मिल गया हो, लेकिन घर में शायद हाफ़िज़ सईद नहीं मिलेगा.
वीडियो: दुनियादारी: पाकिस्तान हाफ़िज़ सईद के घर के पास ब्लास्ट का आरोप इंडिया की 'रॉ' पर क्यों लगा रहा?