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'लड़की को आग लगाने से पहले हाथ बंधे, मुंह में कपड़ा ठूंसा', ओडिशा अग्निकांड के चश्मदीदों ने बताया

मदद करने वाले व्यक्ति ने बताया कि लड़की आग में जलती हुई मोहल्ले की ओर दौड़ती आ रही थी. उसके हाथ बंधे थे. मुंह पर कपड़ा ठूंसा हुआ था. वह मदद के लिए चीख रही थी.

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घटनास्थल पर जांच करती ओडिशा पुलिस. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

ओडिशा के पुरी जिले में बीती 18 जुलाई को एक 15 साल की लड़की को जिंदा जलाने की कोशिश की गई. इस घटना में पीड़िता 70 फीसदी तक जल गई थी. इलाज के लिए भुवनेश्वर एम्स से दिल्ली के एम्स शिफ्ट किया गया है. घटन के समय लड़की की मदद करने वाले व्यक्ति ने मीडिया से बात की है. उन्होंने बताया कि बच्ची आग में जलती हुई मोहल्ले की ओर दौड़ती आ रही थी. उसके हाथ बंधे थे. मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था. वह मदद के लिए चीख रही थी.

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NDTV से इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी दुखीराम सेनापति ने बात की. उन्होंने बच्ची की भयावह हालत के बारे में जानकारी दी. बातचीत में उन्होंने बताया कि

"लड़की जब हमारे घर की तरफ भागती आई तो वह जल रही थी. उसके हाथ बंधे हुए थे और वह बुरी तरह झुलस चुकी थी. मैं, मेरी पत्नी और बेटी ने मिलकर उसकी आग बुझाई. उसे कपड़े दिए और बाद में बात की. उसने बताया कि वह पास के एक गांव की रहने वाली है.”

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बातचीत के दौरान दुखीराम ने आगे कहा,

"घटना के समय हमने कोई आवाज नहीं सुनी. उसका मुंह बंद कर दिया था. हाथ बंधे थे. बाद में उसने बताया कि बाइक पर तीन लोग उसे जबरन यहां लाए. फिर उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी. मैं हमलावरों को ढूंढने निकला. लेकिन तब तक वे भाग चुके थे. इसके बाद मैंने लड़की के परिवार से बातचीत की. मामले की सूचना पुलिस को दी. हम उसे पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए. जहां हालत गंभीर होने पर उसे एम्स भुवनेश्वर रेफर कर दिया गया."

शुरुआती जांच में पता चला कि बाइक सवार तीन लोगों ने बच्ची का पहले पीछा किया. इसके बाद उसे नदी के किनारे ले जाकर आग लगा दी. लड़की किसी तरह वहां से भागने में कामयाब रही. लेकिन इस घटना में वह बुरी तरह झुलस गई. वहीं आरोपी मौके से भाग निकले. रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची की स्थिति को देखते हुए 20 जुलाई को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स लाया गया.

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DCP जगमोहन मीणा ने बताया कि बच्ची को एम्स भुवनेश्वर से भुवनेश्वर एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. 11 किलोमीटर की दूरी एम्बुलेंस ने सिर्फ 12 मिनट में तय की. इसके बाद एयर एम्बुलेंस के ज़रिए लड़की को दिल्ली भेजा गया. वहीं एम्स भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष बिस्वास ने बताया कि लड़की की हालत अब स्थिर है. उसका ब्लड प्रेशर, जो पहले कम था. अब ठीक है. उन्होंने आगे कहा कि बच्ची बोलने में भी सक्षम है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने इस घटना पर दुख जताया है. उन्होंने भगवान जगन्नाथ से लड़की के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है. वहीं BJD नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि एक हफ्ते में यह दूसरी घटना है. उन्होंने आगे कहा कि ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ इस तरह की अकल्पनीय घटनाएं अब रोजमर्रा की बात हो गई हैं. यह सिर्फ छिटपुट घटनाएं नहीं हैं. बल्कि शासन की विफलता का सबूत हैं. आगे कहा कि अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं. 

 

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