भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बहरुल इस्लाम के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा है (Nishikant Dubey Baharul Islam उन्होने आरोप लगाया कि जस्टिस बहरुल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के ऊपर लगे ‘भ्रष्टाचार के केस तन्मयता से ख़त्म’ कर दिए.
'इंदिरा गांधी वाले भ्रष्टाचार के केस खत्म...', निशिकांत दुबे ने पूर्व जस्टिस के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधा
Nishikant Dubey targets Congress: निशिकांत दुबे ने कहा है- 'जनवरी, 1980 में रिटायर हुए जज को दिसंबर, 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया गया. 1977 में इंदिरा गांधी के ऊपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस जज ने तन्मयता से ख़त्म कर दिए.'
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इससे पहले, निशिकांत दावा कर चुके हैं कि ‘देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट ज़िम्मेदार है’. मामले में लेटेस्ट अपडेट है कि वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से निशिकांत दुबे पर ‘कोर्ट की अवमानना’ का केस करने की अनुमति मांगी. इस पर आला अदालत ने कहा कि इसके लिए उनकी मंजूरी की ज़रूरत नहीं है. कोई भी याचिका दायर कर सकता है.
जस्टिस बहरुल इस्लाम पर क्या बोल गए निशिकांत?निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा,
कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक मजेदार कहानी. असम में बहरुल इस्लाम साहब ने 1951 में कांग्रेस की सदस्यता ली. तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बनाया. फिर 1968 में दोबारा बनाया. इनसे बड़ा चमचा कांग्रेस को नज़र नहीं आया. राज्यसभा से बिना इस्तीफ़ा दिलाए 1972 में हाईकोर्ट का जज बना दिया. फिर 1979 में असम हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बना दिया.
निशिकांत दुबे ने आगे लिखा,
बेचारे बहरुल इस्लाम 1980 में रिटायर हो गए. लेकिन ये तो कांग्रेस है. जनवरी, 1980 में रिटायर हुए जज को दिसंबर, 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया. 1977 में इंदिरा गांधी के ऊपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस इन्होंने तन्मयता से ख़त्म कर दिए. फिर ख़ुश होकर कांग्रेस ने इन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर किया. कांग्रेस से 1983 में ही उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया. मैं कुछ नहीं बोलूंगा?
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इससे कुछ घंटे पहले निशिकांत दुबे ने एक और पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने लिखा,
क्या आपको पता है कि 1967-68 में CJI रहे कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी.

बताते चलें, निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट वाले बयान के बाद सियासी घमासान मच हुआ है. विपक्ष ने निशिकांत दुबे के बयान की आलोचना करते हुए BJP पर न्यायपालिका को कमजोर करने का आरोप लगाया है.
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