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Does God Exist की बहस में जावेद अख्तर ने 'खुदा' से PM नरेंद्र मोदी की तुलना कर क्या कहा?

‘Does God Exist’ की बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना जावेद अख्तर ने खुदा से उनकी तुलना करते हुए ऐसी बात कही कि लोग हंसने लगे. बात गाजा में बच्चों की हत्याओं पर चल रही थी.

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ईश्वर के अस्तित्व पर जावेद अख्तर (दायें) और मुफ्ती शमाइल नदवी (बायें) में जमकर बहस हुई.

दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में ‘Does God Exist’ की बहस में एक वक्त ऐसा आया, जब हल्के-फुल्के अंदाज में गीतकार और स्पीकर जावेद अख्तर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना ‘खुदा’ से कर दी. हालांकि, उन्होंने पीएम मोदी का नाम नहीं लिया लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने ये बात कही, इशारा उन्हीं की ओर लगा. बहस इस बात पर चल रही थी कि अगर खुदा है और उसकी मर्जी के बगैर धरती पर कोई पत्ता भी नहीं हिलता तो फिर दुनिया में हत्या और रेप जैसी जघन्य घटनाएं क्यों हो रही हैं?

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जावेद अख्तर इसी लाइन पर बोल रहे थे. बात गाजा के हालात पर हो रही थी. सवाल था कि गाजा में इतने बच्चों की जानें गईं. खुदा या भगवान या गॉड इसे रोकता क्यों नहीं है? 

मुफ्ती शमाइल नदवी ने इस पर जवाब दिया कि दुनिया में किसी को तकलीफ आ रही है और खुदा उसे नहीं रोक रहा है, तो वो इसलिए नहीं रोक रहा है क्योंकि इंसानों को 'फ्री विल' (स्वतंत्र इच्छा) दिया गया है. जैसे अगर एक डॉक्टर किसी छोटे बच्चे को इंजेक्शन लगा रहा है, उसे तकलीफ पहुंच रही है तो उसके लिमिटेड पर्सपेक्टिव से उसके साथ ये गलत हो रहा है और डॉक्टर बुरा है लेकिन जब आप ब्रॉडर पिक्चर देखेंगे तो ये गलत नहीं है. 

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नदवी ने आगे कहा कि आपके और हमारे देख पाने की क्षमता सीमित है और हमें इतना ही नजर आ रहा है कि गाजा में कत्ल हो रहा है लेकिन इसके पीछे कितना Recompense (मुआवजा) उनको (गाजा के पीड़ितों को) मिलने वाला है, ये हम नहीं देख पाते.

जावेद अख्तर का जवाब

नदवी के इस तर्क का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने सर्वशक्तिमान खुदा में मौजूद ‘नैतिक विरोधाभासों’ पर कमेंट करते हुए कहा कि इस दुनिया का हाल क्या है? 45 हजार बच्चे जो 10 साल की उम्र से कम थे, वो गाजा में भूख से मरे हैं. कालाहांडी में बच्चे मरते हैं और डिप्थीरिया से मरते हैं. आप दुआएं मांगते हैं कि खुदा हमारा ये काम कर दे. वो काम कर दे. इसका मतलब ये है कि खुदा लोगों के 'डे-टू-डे' लाइफ में इंटरफेयर करता है और वो ये सब देख रहा है. (फिर भी गाजा में कुछ नहीं करता.) तो मैं जब दुनिया देखता हूं तो मेरे दिल में उसके लिए (खुदा के लिए) कोई इज्जत नहीं पैदा होती. 

इसके बाद जावेद अख्तर ने आगे कहा,

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खुदा क्या कर रहे हैं? तुम (खुदा)ऑल पावरफुल हो (सर्वशक्तिशाली). ओमनीपोटेंट (सर्वशक्तिमान) हो. ओमनीप्रेजेंट (सर्वव्यापी) हो. तुम हर जगह हो. तुम देख रहे रहे थे कि बच्चे की कैसे (गाजा में) धज्जियां उड़ गईं और तुम चाहते हो कि मैं तुम्हारी परस्तिश (पूजा) करूं. 

उन्होंने आगे कहा, 

अरे यार इससे अच्छे तो हमारे प्राइम मिनिस्टर हैं. कुछ तो ख्याल करते हैं.

उनके ऐसा कहते ही लोग हंस पड़े. ‘गंभीर और तनावपूर्ण’ बहस के बीच प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना जावेद अख्तर की इस तंजनुमा टिप्पणी ने माहौल थोड़ी देर के लिए हल्का कर दिया.  

पूरी बहस यहां देखेंः

वीडियो: धुंरधर वाले 'जमील जमाली' असल जीवन में फिल्म से क्यों नाराज हैं?

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