करीब एक महीने से भी अधिक समय बीत जाने के बाद दिल्ली के लाल किले पर हुए ब्लास्ट में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. NIA ने शोपियां, कश्मीर के रहने वाले यासिर अहमद डार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दिल्ली ब्लास्ट केस में ये नौवीं गिरफ्तारी है.
लाल किला ब्लास्ट केस में एक और गिरफ्तारी, शोपियां के यासिर को NIA ने दिल्ली से गिरफ्तार किया
NIA ने शोपियां, कश्मीर के रहने वाले यासिर अहमद डार को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. दिल्ली ब्लास्ट केस में ये नौवीं गिरफ्तारी है. बताया जाता है कि साजिश में सक्रिय रूप से शामिल होने के कारण, उसने वफादारी की कसम खाई थी और खुद को उड़ाने वाले ऑपरेशंस करने की शपथ ली थी.


NIA के मुताबिक दिल्ली ब्लास्ट की साजिश में यासिर की अहम भूमिका थी. NIA ने इस गिरफ्तारी पर एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा,
साजिश में सक्रिय रूप से शामिल होने के कारण, उसने वफादारी की कसम खाई थी और खुद को उड़ाने वाले ऑपरेशंस करने की शपथ ली थी. वह इस मामले में दूसरे आरोपी व्यक्तियों के साथ करीबी संपर्क में था, जिसमें उमर-उन-नबी भी था. आरोपी उमर ही वो व्यक्ति था जो धमाके वाली कार चला रहा था.

फिलहाल NIA कई केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों की एजेंसियों के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. दिसंबर 2025 की शुरुआत में, NIA ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर तलाशी ली और कई डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामान जब्त किए. इससे पहले, मुख्य आरोपी डॉ मुजम्मिल शकील गनी और डॉ शाहीन सईद के ठिकानों पर भी इसी तरह की तलाशी ली गई थी. ये ठिकाने अल फलाह यूनिवर्सिटी कॉम्प्लेक्स और फरीदाबाद (हरियाणा) में अन्य जगहों पर थे.
सुसाइड बॉम्बर उमर का वीडियो सामने आया थालाल किले पर 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट के बाद ये जानकारी सामने आई थी कि इस हमले में डॉ उमर नाम का आतंकी शामिल था. डॉक्टर उमर मूल रूप से पुलवामा के कोइल गांव का रहने वाला था. उसके रिश्तेदारों के मुताबिक वो एक शांत लड़का था खुद में ही खोया रहता था. लोगों ने बताया कि वो घंटों तक पढ़ाई करता रहता था. लेकिन बीते कुछ महीनों में उमर का व्यवहार बदल गया था. 30 अक्टूबर से उसने यूनिवर्सिटी की ड्यूटी छोड़ दी थी और फरीदाबाद और दिल्ली के बीच आना-जाना शुरू कर दिया. उमर रामलीला मैदान और सुनहरी मस्जिद के आसपास की मस्जिदों में जाया करता था. साल 2025 की शुरुआत में ही उसने लाल किले की रेकी भी की थी.
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ब्लास्ट के कुछ दिनों बाद उमर का एक वीडियो सामने आया. कट्टरवाद और प्रोपोगैंडा वाले वीडियो में उमर-उन-नबी आत्मघाती हमले को जायज ठहरा रहा था. वो कह रहा था कि 'सुसाइड बॉम्बिंग' असल में 'शहीद' होने के लिए किया जाने वाले ऑपरेशन है. लेकिन इसे लोग गलत समझ लेते हैं. ये पूरा वीडियो लगभग 1 मिनट 20 सेकेंड का था. वीडियो में उमर का दावा है कि ‘सुसाइड बॉम्बिंग’ के विरुद्ध कई तर्क दिए जाते हैं. लेकिन वो सभी विरोधाभासी हैं. वो कहता है कि जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि उसकी मौत एक विशिष्ट जगह और समय पर होगी, तो वह मौत की जो स्वाभाविक धारणा है, उसके ठीक उलट काम करता है.
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