जौनपुर के रहने वाले 62 साल के श्याम बहादुर और उनकी पत्नी 60 वर्षीय बबिता घर से गायब थे. बेटे अंबेश कुमार ने अपनी बहन वंदना को फोन करके बताया कि मां-पिता किसी बात पर नाराज होकर घर से चले गए. वह उन्हें खोजने जा रहा है. 8 दिसंबर से लापता मां-बाप को खोजने गया भाई भी 12 दिसंबर के बाद से गायब हो गया. उसका फोन भी बंद बता रहा था. उसकी भी कुछ खबर नहीं आई तो 13 दिसंबर को वंदना ने पुलिस को सूचना दी. गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई गई.
यूपी: बेटे ने आरी से मां-बाप के किए 6 टुकड़े, फिर नदी में बहा दिया, ऐसे खुली पूरी कहानी
जौनपुर में एक व्यक्ति ने अपने मां और बाप को मार दिया. फिर शवों को आरी से काटकर नदी में बहा दिया. बेटे से दोनों की बहस हो गई थी. बहस के दौरान ही उसने सिलबट्टे से वार कर मां-बाप का कत्ल कर दिया. लेकिन उसने ऐसा किया क्यों? इसकी वजह अब सामने आई है.


पुलिस ने खोजबीन की तो दो दिन बाद, यानी 15 दिसंबर को अंबेश मिल गया. लेकिन श्याम बहादुर और बबिता नहीं मिले. अंबेश से पूछताछ की गई तो वह अपने जवाब में लड़खड़ाने लगा. पुलिस को शक हुआ. गहनता से पूछताछ हुई तो जो बात खुली, उसे सुनकर पुलिस भी दंग रह गई. अंबेश ने ही सिलबट्टे से वार कर मां और बाप दोनों को मार दिया था. इसके बाद उनके शव को 6 टुकड़ों में काटा और सीमेंट की बोरी में भरकर गोमती नदी में बहा दिया. मामला छिपाने के लिए उसने बहन को गलत खबर दी कि पिता और मां लापता हो गए हैं और वह उन्हें खोजने जा रहा है. इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने अंबेश को गिरफ्तार कर लिया है. कत्ल के औजार भी बरामद कर लिए गए हैं.
ऐसे की हत्यापुलिस अधिकारी के मुताबिक, अंबेश कुमार ने बताया कि 8 दिसंबर की शाम को 7-8 बजे के आसपास उसकी अपने मां और पिता से किसी बात पर झगड़ा हो गया. बहस के बीच अंबेश ने आपा खो दिया और टेबल पर ही पड़ा सिलबट्टा उठाकर पहले अपनी मां के सिर पर दे मारा. वो दर्द से चिल्लाने लगीं. बेटे का ये रूप देखकर श्याम बहादुर घबरा गए. वह फोन उठाकर किसी को कॉल की कोशिश करने लगे. तभी अंबेश ने उनके सिर पर भी बट्टे से तेज वार किया. दो-तीन वार के बाद श्याम बहादुर और बबिता दोनों की मौत हो गई.
ये देखकर अंबेश घबरा गया. अब आगे क्या करे? लाश को ठिकाने कैसे लगाए? उसके दिमाग में एक आइडिया आया. वो भागकर घर के बेसमेंट में गया. हाल ही में घर में कंस्ट्रक्शन का काम हुआ था. वहां पर एक आरी और सीमेंट की बोरियां रखी थीं. उसने आरी उठाई. दो तीन बोरियां उठाईं. भागकर मौके पर आया. आरी से मां और बाप के शव को 6 टुकड़ों में काटा और उसे बोरियों में भर लिया. रात के 8 बजे के आसपास की ये घटना थी. रात भर उसने इंतजार किया. अगले दिन भोर के सन्नाटे में 4-5 बजे के आसपास तीनों बोरियों को अपनी कार की डिग्गी में रखा और बेलाव घाट जाकर उसे गोमती नदी में फेंक दिया.
बहन को ये बताकर कि वह लापता मां-बाप को खोजने जा रहा है, वह बनारस, जौनपुर में इधर-उधर भटकता रहा. फिर वापस आ गया. पुलिस ने उसे ट्रैक करके गिरफ्तार किया, तब जाकर ये राज खुला. उसकी निशानदेही पर गोमती नदी से एक बोरी बरामद की गई, जिसमें पिता के शव का टुकड़ा मिला है. बाकी बोरियों की तलाश की जा रही है. आला-कत्ल आरी और सिलबट्टा भी बरामद कर लिया गया है. मां-बाप के फोन और उनके चश्मे भी पुलिस ने खोजकर कब्जे में ले लिए हैं. अंबेश ने कत्ल के बाद पिता के जिस कपड़े से उनका खून पोछा था, वो भी बरामद कर लिया गया है.
क्यों की मां-बाप की हत्या?पुलिस ने बताया कि उसने मुस्लिम लड़की से शादी की थी. पिता इस रिश्ते को कबूल नहीं कर पा रहे थे. अंबेश की शादी को पांच साल हो गए थे. बच्चे भी हो गए थे. फिर भी पिता और मां ने उसे स्वीकार नहीं किया. वो बार-बार जोर देते रहे कि अंबेश मुस्लिम पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी कर ले. 5 साल तक मनाने के बाद भी जब वो नहीं माने तब अंबेश और उसकी पत्नी ने अलग होने का फैसला किया. अलग होने की एवज में पत्नी ने 5 लाख का गुजारा भत्ता मांगा. अंबेश, पिता से इसी पैसे की मांग कर रहा था, जिसे देने से पिता ने इनकार कर दिया. इसे लेकर उसकी पिता और मां से बहस हुई, जिसके बाद उसने दोनों का कत्ल कर दिया.
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