केंद्रीय कैबिनेट ने 11 जून को रेलवे से जुड़े दो बड़े फैसलों को मंजूरी दी है. इनमें से एक है- कोडरमा-बरकाकाना (अरिगाडा) रेलवे लाइन की डबलिंग. दूसरी है, बल्लारी-चिकजाजुर रेलवे लाइन का दोहरीकरण, यानी सिंगल रेलवे ट्रैक के साथ एक और ट्रैक बिछाना ताकि दोनों दिशाओं में ट्रेनें चल सकें.
सरकार ने रेलवे की दो बड़ी योजनाओं की घोषणा की, एक पटना-रांची लाइन से कनेक्ट करेगी
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि मोदी सरकार ने रेलवे को लेकर दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इन फैसलों से झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में लाखों की आबादी को फायदा मिलेगा

इन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन दोनों प्रोजेक्ट से झारखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बड़ी आबादी को रेल कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा. इससे भारी मात्रा में कार्गो (भारी सामान) सड़क से रेल की ओर शिफ्ट होगा. इससे न सिर्फ कार्बन डाई ऑक्साइड के बढ़ते लेवल में कमी लाई जा सकेगी बल्कि हर साल करोड़ों लीटर डीजल की भी बचत होगी.
पहली परियोजनाअश्विनी वैष्णव ने बताया कि 133 किमी की कोडरमा - बरकाकाना (अरिगाडा) दोहरीकरण परियोजना का कुल बजट 3 हजार 36 करोड़ रुपये होगा. यह पटना और रांची को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण लाइन है. ये रेलवे लाइन झारखंड के 4 जिलों कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ को जोड़ती है. इसके अलावा यह 938 गांवों और 15 लाख आबादी को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.

133 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन में 17 बड़े पुल, 180 छोटे पुल, 42 आरओबी और 13 आरयूबी शामिल होंगे. इस परियोजना के तैयार हो जाने के बाद 3.4 करोड़ टन कार्गो रोड से रेल की ओर शिफ्ट किया जा सकेगा. इससे भारी मात्रा में देश का डीजल बचेगा और कार्बन डाई ऑक्साइड का एमिशन भी कम होगा. रेलमंत्री ने बताया कि इस रेलवे लाइन से इतना CO2 एमिशन रोका जा सकेगा, जितना 7 करोड़ पेड़ लगाने के बाद हो पाता.
दूसरी परियोजनादूसरी परियोजना बल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण की है, जो 185 किलोमीटर लंबी है. इसमें 3 हजार 342 करोड़ रुपये का बजट लगेगा. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह मैंगलोर बंदरगाह को सिकंदराबाद से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण लाइन होगी. यह रेलवे लाइन कर्नाटक में बल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश में अनंतपुर जिले को कवर करती है. 185 किलोमीटर लंबी इस लाइन में 19 स्टेशन, 29 बड़े पुल, 230 छोटे पुल, 21 आरओबी और 85 आरयूबी शामिल हैं.

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस रेलवे दोहरीकरण प्रोजेक्ट से तकरीबन 18.9 मिलियन टन एक्स्ट्रा कार्गो रोड से रेल की तरफ शिफ्ट होगा. इससे 101 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाई ऑक्साइड एमिशन रोका जा सकेगा जिसके लिए 4 करोड़ पेड़ लगाने की जरूरत पड़ती. साथ ही देश का 20 करोड़ लीटर डीजल भी बचेगा. 470 गांवों और लगभग 13 लाख आबादी को इसका फायदा मिलेगा.
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