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17 बच्चों को बंधक क्यों बनाया? रोहित आर्या ने इस मंत्री का नाम लिया था

दीपक केसरकर के शिक्षा मंत्रालय संभालने के दौरान, विभाग से जुड़े एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर रोहित को दिया गया था. रोहित का कहना था कि काम तो लिया गया लेकिन पैसे नहीं दिए गए.

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महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (बाएं) और मुंबई में बंधक बनाने वाले रोहित आर्य (दाएं). (India Today)

मुंबई में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या पुलिस की गोली से मारा गया. अब उसके बारे में जो जानकारियां सामने आ रही हैं, उनसे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पुणे के रहने वाले रोहित आर्या ने महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के साथ काम किया है. शिवसेना विधायक दीपक केसरकर के शिक्षा मंत्रालय संभालने के दौरान, विभाग से जुड़े एक स्कूल प्रोजेक्ट का टेंडर रोहित को दिया गया था. रोहित का आरोप था कि उसे इस प्रोजेक्ट के लिए अभी तक पैसे नहीं मिले. उसका दावा था कि इसके लिए उसने केसरकर के आवास के बाहर प्रदर्शन भी था.

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रोहित का आरोप था महाराष्ट्र सरकार ने उनके आइडिया और फिल्म की अवधारणा को “माझी शाला, सुंदर शाला” (मेरा स्कूल, सुंदर स्कूल) प्रोजेक्ट में बिना अनुमति और श्रेय दिए इस्तेमाल किया. मृतक के मुताबिक,

“माझी शाला, सुंदर शाला का पूरा कॉन्सेप्ट मैंने खुद तैयार किया था. यह विचार मेरी फिल्म “Let’s Change” से प्रेरित था, जिस पर आधारित यह सरकारी परियोजना 2022 से लागू की गई."

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Rohit Arya
रोहित आर्या का पुराना पोस्टर.

रोहित ने दावा किया कि सरकार ने ‘उसका आइडिया, कॉन्सेप्ट और यहां तक कि फिल्म के अधिकार (rights) भी इस्तेमाल किए’, जिनके वे मालिक थे. उनका कहना था कि उन्हें इस काम को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया गया, लेकिन बाद में उन्हें न तो श्रेय दिया गया, न भुगतान किया गया और उनकी पूरी भूमिका को 'दबाने' की कोशिश की गई.

रोहित आर्या ने अपना हक और श्रेय पाने के लिए कई बार प्रदर्शन किए. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने एक बार एक महीने तक अनशन भी किया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपक केसरकर ने उन्हें उनकी मांगें मानने का आश्वासन दिया था. रोहित के पुराने बयान के अनुसार, तब के शिक्षा संयुक्त सचिव तुषार महाजन ने उनसे कहा था, “आपसे कुछ गलतियां हुई हैं, इसलिए जांच पूरी होने तक हम कुछ नहीं कर सकते.”

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रोहित ने अपने पुराने बयान में यह भी कहा था, 

“अगर मैंने आत्महत्या की, तो इसके लिए दीपक केसरकर, उनके निजी सचिव मंगेश शिंदे, तत्कालीन शिक्षा आयुक्त सुरज मंडारे, तुषार महाजन और समीर सावंत जिम्मेदार होंगे.”

इसी विवाद के बीच 30 अक्टूबर की दोपहर यह खबर आई कि रोहित ने मुंबई के RA स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बना लिया है. थोड़ी देर बाद उसका एक वीडियो सामने आया जिसमें रोहित ने कहा कि वह सिर्फ कुछ लोगों से बात करना चाहता है, उसकी कोई और डिमांड नहीं है. बच्चों को छुड़ाने के लिए पुलिस ने ऑपरेशन चलाया. पुलिस बाथरूम के साथ बिल्डिंग के अंदर घुसी. पुलिस ने बताया कि बच्चों को बचाने के लिए फायरिंग करनी पड़ी जिसकी चपेट में रोहित आया. अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया.

वीडियो: एक और ASI की हत्या, बंधक को छुड़ाने पहुंची पुलिस पर हुआ जानलेवा हमला

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