महाराष्ट्र में कुछ लोगों का 'मराठी प्रेम' दूसरे लोगों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. हाल के दिनों में ‘मी मराठी’ की राजनीति के चलते कई हिंदी और गैर-मराठी लोगों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं हुईं. इसकी एक और मिसाल देखने को मिली है मुंबई के भांडुप इलाके में. आरोप है कि यहां एक दंपती ने एक पिज्जा डिलीवरी बॉय के साथ इसलिए बहस की क्योंकि वह मराठी के बजाय हिंदी में बात कर रहा था.
पिज्जा लेकर पहुंचे युवक से दंपती ने कहा- 'मराठी में डिलीवर कर', नहीं बोल पाया तो पैसे ही नहीं दिए
बहस के दौरान दंपती ने डिलीवरी बॉय को पैसे देने से इनकार कर दिया. उन्होंने शर्त रखी कि अगर उसे पैसे चाहिए तो मराठी बोलनी पड़ेगी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

विवाद के दौरान दंपती ने डिलीवरी बॉय को पैसे देने से इनकार कर दिया. उन्होंने शर्त रखी कि अगर उसे पैसे चाहिए तो मराठी बोलनी पड़ेगी. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक मामला सोमवार, 12 मई का है. मुंबई के भांडुप इलाके की साईं राधा नामक बिल्डिंग में एक दंपती ने डॉमिनोज़ से पिज्जा ऑर्डर किया. इस ऑर्डर को रोहित लावारे नाम का एक युवक डिलीवर करने पहुंचा. लेकिन वो तब हैरान रह गया जब दंपती ने उसे मराठी में बात करने के लिए कहा. आरोप है कि जब रोहित मराठी में ठीक से बात नहीं कर सका तो पति-पत्नी ने पैसे देने से इनकार कर दिया. इस दौरान पति ये कहता हुआ दिखता है कि ‘पैसा नहीं मिलेगा’.
यह पूरी घटना डिलीवरी बॉय ने अपने मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड कर ली. वीडियो में वह कहता हुआ दिख रहा है, ‘जबरदस्ती है मराठी बोलने की? पर क्यों?’ इस पर घर के अंदर खड़ी महिला कहती है, ‘है यहां पे ऐसे ही.’ रोहित पूछता है, ‘कौन बोला ऐसा? हिंदी नहीं आती तो फिर ऑर्डर नहीं करना था.’ इस पर घर के अंदर से व्यक्ति कहता है. ‘(मराठी) नहीं आती तो पैसा नहीं मिलेगा.’
डिलीवरी बॉय रोहित कहता है, ‘नहीं देना है ना पैसा, हां ठीक है, ठीक है.’ इस पर महिला किसी संजय पाटिल को फोन करने के लिए कहती है. जवाब में रोहित कहता है, ‘करो, जिसको फोन करना है.’ वहीं महिला वीडियो बनाने के लिए मना करते हुए कहती है, ‘मेरा वीडियो नहीं निकालने का. मैं तुम्हारा वीडियो निकाल सकती हूं.’ इस पर रोहित पूछता है, ‘ये कौन सी जबरदस्ती है?’ इसके बाद महिला भी अपने फोन से वीडियो रिकॉर्ड करने लगती है.
रिपोर्ट के मुताबिक डिलीवरी बॉय रोहित लावारे को बिना पैसे लिए ही वापस लौटना पड़ा. हालांकि डॉमिनोज की तरफ से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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