भारत को आजादी 15 अगस्त, 1947 को मिली थी. लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की ‘सच्ची स्वतंत्रता’ का कोई और दिन बताया है. 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में बने राम मंदिर में राम की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की गई थी. मोहन भागवत का कहना है कि इसलिए 22 जनवरी को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाया जाना चाहिए क्योंकि यह दिन भारत की ‘सच्ची स्वतंंत्रता’ का प्रतीक है.
मोहन भागवत ने भारत की 'सच्ची स्वतंत्रता' की तारीख बताई, राम मंदिर से जुड़ी है
मध्यप्रदेश के इंदौर में 13 जनवरी को आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ये बात कही. उन्होंने 22 जनवरी के दिन को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ (Pratishtha Dwadashi) के रूप में मनाए जाने की बात की.
.webp?width=360)
मध्यप्रदेश के इंदौर में 13 जनवरी को आयोजित एक पुरस्कार समारोह के दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ये बात कही. उन्होंने 22 जनवरी के दिन को ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ (Pratishtha Dwadashi) के रूप में मनाए जाने की बात की. इस दौरान उनके साथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी उपस्थित थीं.
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक इंदौर के एक सामाजिक संगठन ‘श्री अहिल्योत्सव समिति’ ने ये समारोह आयोजित कराया था. हर साल प्रमुख व्यक्तियों को विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए पुरस्कार दिया जाता है. इस बार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को ‘राष्ट्रीय देवी अहिल्या पुरस्कार’ मिला. इसी दौरान मोहन भागवत मंच पर बोलने आए.
RSS प्रमुख ने कहा,
“अयोध्या के राम मंदिर के प्रतिष्ठा दिवस को प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह दिन भारत की सच्ची स्वतंत्रता का प्रतीक है… भारत, जो सदियों से पराचक्र (विदेशी आक्रमण) का सामना करता रहा, इस दिन अपनी असली पहचान और स्वतंत्रता को प्राप्त कर सका है.”
इस अवसर पर मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन (Ram Temple Movement) किसी के विरोध के लिए नहीं, बल्कि ‘भारत की ‘स्व’ (आत्मा) को जागृत करने के लिए शुरू किया गया था’. भागवत ने बताया कि जब राम मंदिर का प्रतिष्ठा समारोह हुआ, तब देश में किसी प्रकार का विवाद नहीं था, जो यह दर्शाता है कि यह आंदोलन एकजुटता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक था.
वीडियो: वोटर टर्नआउट बढ़ने के पीछे क्या कारण बता गए CEC Rajiv Kumar?