मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के जस्टिस डीवी रमना (DV Ramana) ने 20 मई को बताया कि उन्हें परेशान करने के इरादे से साल 2023 में उनका ट्रांसफर आंध्र प्रदेश से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट कर दिया गया. जस्टिस रमना 2 जून को रिटायर हो रहे हैं. रिटायरमेंट से पहले आयोजित फेयरवेल स्पीच में उन्होंने कहा कि उनका ट्रांसफर बिना किसी कारण के किया गया था. और इसके खिलाफ की गई उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने विचार तक नहीं किया.
'भगवान न माफ करते हैं, न ही भूलते हैं... ', जाते-जाते जस्टिस रमना किस जज को खूब सुना गए
फेयरवेल स्पीच में Madhya Pradesh High Court के Justice DV Ramana का दर्द छलक उठा. उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी कारण के उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में कर दिया गया और उनकी एक न सुनी गई. Supreme Court ने उनकी अपील पर विचार तक नहीं किया. ये पूरा मामला है क्या?

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस रमना ने बताया कि उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी, ताकि वो अपनी बीमार पत्नी की देखभाल कर सकें. उनकी पत्नी एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी से पीड़ित थीं. उन्होंने बताया,
मुझसे ऑप्शन मांगा गया तो मैंने कर्नाटक को चुना ताकि मेरी पत्नी को NIMHANS में बेहतर इलाज मिल सके. लेकिन माननीय सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार तक नहीं किया. मैंने 1 नवंबर 2023 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस की जिम्मेदारी संभाली. इसके बाद 19 जुलाई और 28 अगस्त 2024 को अपनी पत्नी की गंभीर बीमारी के आधार पर मैंने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को आवेदन भेजा. लेकिन उस पर ना तो विचार किया गया और ना ही उसे खारिज किया गया. इसके बाद मैंने एक और आवेदन भेजा लेकिन उसका भी जवाब नहीं मिला. मेरे जैसे न्यायाधीश सकारात्मक मानवीय विचार की उम्मीद करते हैं. लेकिन मैं बेहद निराश और दुखी था.
जस्टिस रमना ने आगे बताया कि भारत के मौजूदा चीफ जस्टिस बीआर गवई उनके मामले पर विचार कर सकते हैं. लेकिन अब इसके लिए काफी देर हो चुकी है. उन्होंने कहा,
वैसे भी मेरा ट्रांसफर ऑर्डर गलत इरादे से और मुझे परेशान करने के लिए जारी किया गया लगता है. मुझे मेरे गृह राज्य से ट्रांसफर करने का कारण स्पष्ट था. मैं इस बात से खुश हूं कि उनके अहंकार को संतुष्टि मिली. अब वे रिटायर हो चुके हैं. लेकिन भगवान न तो माफ करते हैं, ना ही भूलते हैं. उन्हें भी दूसरे तरीकों से कष्ट उठाना पड़ेगा.
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जस्टिस रमना को साल 2022 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का जस्टिस नियुक्त किया गया था. इससे पहले वो 2007 से न्यायिक अधिकारी थे. तत्कालीन CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल,जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर उन्हें 2023 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था. कॉलेजियम ने जस्टिस रमना के ट्रांसफर रिक्वेस्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें कोई मेरिट नहीं दिखती.
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