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मनरेगा की जगह लोकसभा में 'G RAM G' बिल हुआ पास, विपक्ष ने जमकर किया बवाल

रोजगार की गांरटी देने वाला नया बिल 'जी राम जी' लोकसभा में पास हो गया. इस बिल को लेकर विपक्षी दलों ने जबर्दस्त विरोध किया. बिल से महात्मा गांधी का नाम हटाने पर इसे बापू का अपमान बताया गया.

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लोकसभा में जी राम जी बिल पास (india today)

मनरेगा की जगह लेने वाले नए बिल को गुरुवार, 18 दिसंबर को लोकसभा ने ‘जी राम जी’ बोल दिया. यानी यह बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पास हो गया. विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के बाद भी सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पारित करवा लिया. बिल को लेकर विवाद का प्रमुख कारण विपक्ष का वह आरोप है, जिसमें कहा गया कि नया बिल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान करता है. ग्रामीण रोजगार की गारंटी देने वाला इससे पहले का बिल महात्मा गांधी के नाम पर था, जबकि नए बिल को विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन- ग्रामीण (VB- G RAM G) नाम दिया गया है. 

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विपक्ष के इस आरोप पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यूपीए सरकार ने नरेगा कानून में महात्मा गांधी का नाम 2009 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लगाया था. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार जब मनरेगा कानून लेकर आई थी, उस समय इसमें महात्मा गांधी का नाम नहीं था. यह नरेगा था. वो तो 2009 में लोकसभा चुनाव आए तब कांग्रेस को महात्मा गांधी याद आए. इसके बाद महात्मा गांधी का नाम योजना में जोड़ा गया ताकि चुनाव में वोट मिल सकें. 

उन्होंने ये भी कहा कि मनरेगा को भी मजबूती से पीएम मोदी ने ही लागू किया और मोदी सरकार ने अपने अलग-अलग कामों के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि महात्मा गांधी के आदर्श जिंदा रहें. शिवराज सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने महात्मा गांधी के आदर्शों की हत्या की है जबकि उनकी सरकार ने सुनिश्चित किया कि बापू के आदर्श पीएम आवास योजना के पक्का घरों, उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के जरिए जिंदा रहें.

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बिल से ‘बापू’ का नाम हटाए जाने के सवाल पर शिवराज सिंह ने कहा, 

इसके पहले कई रोजगार योजनाएं आईं. एक योजना का नाम था जवाहर रोजगार योजना. बाद में कांग्रेस ने ही जवाहर रोजगार योजना का नाम बदल दिया तो क्या इससे पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का अपमान हो गया.

कृषि मंत्री ने आगे कहा, 

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बापू हमारे दिलों में बसते हैं. उनका हम पूरा सम्मान करते हैं. बापू ही कहते थे, राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं. राम हमारी हर सांस में बसे हैं. बिना राम के यह देश नहीं जाना जाता. पता नहीं क्यों ‘जी राम जी’ नाम आ गया तो ये भड़क गए. महात्मा गांधी स्वयं रामराज्य की स्थापना की बात करते थे. उनके अंतिम शब्द भी ‘हे राम’ थे. बापूजी का पूरा सम्मान करते हुए रामराज की स्थापना के लिए हम यह बिल लेकर आए हैं.

तकरीबन 8 घंटे की लंबी बहस के बाद लोकसभा में ध्वनिमत से बिल पास कर दिया गया. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को स्थगित कर दिया.

इस बीच विपक्षी दलों के सांसद बिल का जबर्दस्त विरोध करते रहे. उन्होंने बिल की प्रतियां फाड़ीं और उन्हें स्पीकर की ओर फेंक दिया. सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे पहले कांग्रेस के सांसदों ने बिल वापस लेने की मांग को लेकर संसद परिसर में प्रोटेस्ट मार्च निकाला. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बिल के जरिए महात्मा गांधी का अपमान किया गया है. सोनिया गांधी भी इस प्रोटेस्ट मार्च में शामिल हुईं.  

बता दें कि जी राम जी बिल 125 दिन के लिए ग्रामीण रोजगार की गारंटी देता है. जबकि मनरेगा 100 दिन के लिए रोजगार की गारंटी देता था.

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