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बसवराज के बाद एक और इनामी माओवादी मारा गया, कई बड़े हमलों में शामिल था

Yasanna उर्फ Jangu Naveen नाम के माओवादी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. इस बीच 21 मई से जारी सुरक्षाबलों के अभियान के दौरान छत्तीसगढ़ में 30 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है.

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नक्सलियों के शव की निगरानी करते सुरक्षाबल के जवान. (तस्वीर: PTI, 22 मई)
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सुमी राजाप्पन

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान (Chhattisgarh Naxal Encounter) में एक और इनामी माओवादी के मारे जाने की खबर आई है. 21 मई को 25 लाख रुपये के इनामी माओवादी कमांडर यासन्ना को मारा गिराया गया. इससे पहले 1 करोड़ के इनामी नक्सल बसवराज के मारे जाने की खबर आई थी.

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यासन्ना को जंगू नवीन, राजन्ना, सज्जा वेंकट नागेश्वर राव और मधु के नाम से भी जाना जाता है. वो ‘दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी’ (DKSZCM) का सदस्य था. 60 साल का यासन्ना आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले का रहने वाला था. माओवादियों के लिए रणनीति बनाने में उसकी अहम भूमिका थी.

यासन्ना कई हाई-प्रोफाइल हमलों में शामिल था. वो चरमपंथी संगठनों का नेतृत्व करने वाली टीम में भी शामिल था. इन्हीं कारणों से छत्तीसगढ़ सरकार ने उस पर 25 लाख रुपये का इनाम रखा था.

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नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका

यासन्ना की मौत को माओवादियों के नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. अधिकारियों ने इस मुठभेड़ की आधिकारिक पुष्टि की है. 19 मई को छत्तीसगढ़ पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की संयुक्त टीमों ने एक ऑपरेशन शुरू किया था. इसको स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का समर्थन प्राप्त था. इस ऑपरेशन में 30 से अधिक माओवादी मारे गए हैं.

सुरक्षा अधिकारियों ने घटनास्थल से हथियारों, गोला-बारूद और दस्तावेजों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है.

शुरुआती रिपोर्टों से पता चला है कि ‘दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी’ (DKSZCM) और ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ (PLGA) के कई सीनियर माओवादी नेता या तो मारे गए या गंभीर रूप से घायल हो गए. आसपास के जंगलों में घायल या भाग रहे कैडरों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान जारी है.

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अमित शाह ने मुठभेड़ पर दी थी प्रतिक्रिया

21 मई को गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था,

नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है. 

गृहमंत्री ने इस सफलता के लिए सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना की. उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर देगी.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: छत्तीसगढ़ में टॉप नक्सली कमांडर बसवराजू कैसे मारा गया

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