मणिपुर की इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन तेज़ हो गया है (Manipur Protest). यहां प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के कई ऑफ़िसों पर ताला लगा दिया है. इनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (GSI) का ऑफ़िस शामिल है. प्रदर्शनकारियों का आरोप है एक सरकारी बस से ‘मणिपुर राज्य परिवहन’ शब्द को मिटाया गया, जो मणिपुर का अपमान है.
'मणिपुर’ शब्द ढका तो भड़का विरोध, प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के दफ्तरों पर जड़े ताले
Manipur Bus Name Row: प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राज्य के मुख्य सचिव और सुरक्षा सलाहकार के इस्तीफ़े की भी मांग की है. उनका आरोप है कि इन अधिकारियों की प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्य में अशांति बढ़ी है. और क्या आरोप लग रहे हैं?
.webp?width=360)
इस विवाद की शुरुआत 20 मई को हुई थी. मणिपुर राज्य परिवहन की एक बस पत्रकारों को लेकर मणिपुर के उखरुल जा रही थी. मौक़ा था शिरुई लिली फेस्टिवल का. उसी की कवरेज के किए पत्रकार वहां जा रहे थे. आरोप है कि रास्ते में इंफाल ईस्ट के ग्वालथाबी चेकपोस्ट पर सुरक्षा बलों ने बस को रोका. बस पर लिखे ‘मणिपुर राज्य परिवहन’ शब्द को ढकने के लिए कहा.
जब ये बात फैली, तो लोगों ने इसका विरोध किया. 25 मई को स्टूडेंट्स और महिलाओं ने इंफाल एयरपोर्ट से लेकर केसम्पात तक 6 किलोमीटर लंबी ह्यूमन चेन बनाकर विरोध दर्ज कराया. इंडिया टुडे से जुड़ीं बेबी शिरीन की रिपोर्ट के मुताबिक़, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) की स्टूडेंट विंग ने राज्य भर में प्रदर्शन किया. लोग राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से आधिकारिक माफ़ी की मांग कर रहे हैं.

इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इम्फाल वेस्ट ज़िले में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) और चीफ़ इलेक्टोरल ऑफिस के बाहर ताला लगा दिया. जिन बोर्डों पर 'भारत सरकार' लिखा था, उन्हें मिट्टी से पोत दिया. COCOMI ने 48 घंटे का बंद का भी कॉल दिया. इन सबके बीच इंफाल घाटी के 5 ज़िलों में जनजीवन प्रभावित रहा.
राज्यपाल हेलिकॉप्टर से राजभवन पहुंचेसोमवार, 26 मई को भी एयरपोर्ट की सड़क पर ह्यूमन चेन बनाई गई थी. राज्यपाल अजय कुमार भल्ला नई दिल्ली से एयरपोर्ट पहुंचे थे. प्रदर्शन के दौरान हालात ऐसे थे कि दिल्ली से लौटे राज्यपाल को एयरपोर्ट से राजभवन हेलिकॉप्टर के ज़रिए पहुंचाया गया.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राज्य के मुख्य सचिव और सुरक्षा सलाहकार के इस्तीफ़े की भी मांग की है. उनका आरोप है कि इन अधिकारियों की प्रशासनिक लापरवाही के कारण राज्य में अशांति बढ़ी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व सिविल सोसाइटी संगठनों का एक गठबंधन बनाकर किया गया. इस गठबंधन में कई ग्रुप शामिल थे.
इस बीच COCOMI ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस भी की थी. बताया था कि 27 मई को 7 मेंबर्स का एक डेलीगेशन दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाक़ात करेगा. उन्हें मणिपुर के हालातों के बारे में बताया जाएगा. प्रदर्शन कर रह लोगों का साथ लोकल आर्टिस्ट्स भी दे रहे हैं. वो कह रहे हैं, ‘बस से हमारे मणिपुर का नाम मिटाया गया है. ये हम नहीं सहन कर सकते.’
वीडियो: मणिपुर में क्यों लगा राष्ट्रपति शासन? गृहमंत्री अमित शाह ने आधी रात संसद में क्या बताया?