उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रतिबंधित ड्रग्स की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि ये लोग अमेरिकी नागरिकों को प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई करते थे. इसके लिए उन्होंने एक नेटवर्क बनाया था और कई कंपनियों से जुड़े थे. आरोपी एक कॉल सेंटर भी चलाते थे, जिसके जरिए वे कस्टमर्स को टारगेट करते थे.
भारतीय डाक से अमेरिका भेजता था ड्रग्स, कॉल सेंटर खोला, वेबसाइट से डेटा खरीदा
Lucknow: आरोपियों ने एक वेबसाइट से अमेरिकी लोगों का डेटा लिया. एक कॉल सेंटर शुरू किया. इसके जरिए वो कस्टमर्स को टारगेट करते थे. जांच में और भी बड़े खुलासे हुए हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों के नाम शांतनु गुप्ता और अब्दुल वहाब यासिर हैं. लखनऊ की एक स्पेशल कोर्ट ने दोनों को दो दिनों की हिरासत में भेज दिया है. नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज (NDPS) एक्ट, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अब तक की जांच से पता चला है कि 2012 से 2017 के बीच दोनों आरोपियों ने छह कंपनियां चलाईं. उन्होंने लखनऊ में ही एक कॉल सेंटर भी शुरू किया था. आरोप है कि दोनों ने कस्टमर्स को टारगेट करने के लिए 'CallCenterIndia.com' नाम की एक वेबसाइट से अमेरिकी नागरिकों का डेटा लिया था.
ये लोग सॉफ्टवेयर का कारोबार करने का भी दिखावा करते थे. गुप्ता और यासिर Skype ऐप पर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क करते थे, जहां ऑर्डर और एडवांस पेमेंट की बातचीत होती थी. ऑर्डर मिलने के बाद, इंडिया पोस्ट के जरिए ड्रग्स भेजे जाते थे.
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इनकी एक कंपनी का नाम था— 'मेसर्स हत्श टेलीकम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड'. आरोप है कि इस कंपनी के जरिए उन्होंने 23.67 करोड़ रुपये कमाए. पूरा मामला कई साल पुराना है. कंपनी के खिलाफ साल 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ था.
इसी मामले की जांच में प्रतिबंधित ड्रग्स के बारे में पता चला था. 20 अक्टूबर 2023 को भी इस मामले में कार्रवाई हुई थी. चल-अचल संपत्तियों सहित 3.22 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर ली गई थी. मामले की आगे जांच जारी है.
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