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मुगलों और अंग्रेजों के टाइम भी नहीं बंद हुआ... कुंभ पर शाह ने कांग्रेस को लपेटा, जवाब भी मिला

केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने Kumbh Mela को शाश्वत परंपरा बताया है. शाह ने कहा कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के नेता इस तरह के आयोजन कर रहे हैं ताकि केंद्र में उनकी विफलता को छुपाया जा सके.

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अहमदाबाद में RSS के कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो- पीटीआई)

केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने Kumbh Mela को शाश्वत परंपरा बताया है. 23 जनवरी को एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने कहा कि कुंभ को न तो अंग्रेज़ों, न मुग़लों और न ही कांग्रेस के समय रोका गया था.

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अमित शाह ने कहा,

देश-विदेश के करोड़ों लोगों की व्यवस्था हज़ारों बरसों से चली आ रही है. मुगल आए तो भी यही हुआ, ब्रिटिश आए तो भी यही हुआ और कांग्रेस का शासन रहा तो भी यही हुआ. इसे कोई रोक नहीं सकता. यह सनातन परंपरा से चलता आ रहा है. 

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शाह अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ हिंदू आध्यात्मिक और सेवा संस्थान की ओर से आयोजित ‘आध्यात्मिक मेले’ के उद्घाटन पर बोल रहे थे. दूसरी तरफ, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के नेता इस तरह के आयोजन कर रहे हैं ताकि केंद्र में उनकी विफलता को छुपाया जा सके. 

मेले में शाह ने कहा,

कुंभ सद्भाव और एकता का संदेश देता है. यहां यह नहीं पूछा जाता आप किस धर्म, संप्रदाय या जाति से हैं. Mahakumbh की तुलना में दुनिया में कोई और ऐसा दूसरा आयोजन नहीं है, जो सद्भाव और एकता का इतना शक्तिशाली संदेश देता हो.

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शाह ने आगे कहा, 

प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है. यह 144 साल बाद हो रहा है. लोग इसे आश्चर्य से देख रहे हैं और कई राजदूतों ने मुझसे निमंत्रण मांगा है. मैंने उन्हें समझाया कि महाकुंभ ऐसा मेला है जिसके लिए किसी इनविटेशन की ज़रूरत नहीं होती. वे हैरान हैं कि 40 करोड़ लोग बिना किसी निमंत्रण के एक जगह पर इकट्ठे होते हैं. 

“सरकारी व्यवस्था पर निर्भर नहीं कुंंभ”

गृह मंत्री ने कहा कि उनसे पूछा गया कि इतने बड़े आयोजन के लिए व्यवस्था कौन करता है? उन्होंने कहा कि महाकुंभ सरकारी व्यवस्थाओं पर निर्भर नहीं है. सरकार की व्यवस्थाएं सिर्फ उतनी ही हैं जितनी कि गिलहरी ने लंका तक रामसेतु पुल बनाते समय भगवान राम की मदद की थी. महाकुंभ में करोड़ों लोगों के आने की व्यवस्था धर्मिक लोगों के संगठन करते हैं. यहां आने वाले लोग होटलों में नहीं रुकते बल्कि टेंट में ठहरते हैं, ठंड में ज़मीन पर सोते हैं और गंगा नदी में स्नान करते हैं.

कांग्रेस ने किया कटाक्ष 

शाह के बयान को लेकर कांग्रेस की भी टिप्पणी आई है. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने कहा, 

वे कह रहे हैं कि उन्होंने कुंभ मेले की व्यवस्था की है. लेकिन यह कोई नई बात नहीं है. यह पिछले कई बरसों से होता आ रहा है. कांग्रेस हमेशा से कहती रही है कि धर्म आस्था का विषय है, वोट हासिल करने का ज़रिया नहीं. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए वे ऐसा कह रहे हैं.

महंगाई को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए दोशी ने कहा कि महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित कौन है? बेरोजगारी से सभी की तरह हिंदू भी परेशान हैं. सभी को शिक्षा चाहिए. लेकिन सरकार शिक्षा नहीं दे पा रही है, इसलिए वे ऐसा बयान दे रहे हैं. हमारा संविधान हमें सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए कहता है. कांग्रेस इसी सिद्धांत पर काम करती है. हिंदू धर्म की ठेकेदारी करने वाले इन लोगों को न तो हिंदुओं से मतलब है, न ही मुसलमानों से. वे सिर्फ सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ये खेल खेलते हैं.

वहीं शाह ने सभी गुजरातियों से कुंभ मेले में जाने का आग्रह किया. यह भी बताया कि वह खुद 27 जनवरी को कुंभ जाएंगे. ऐसा 10वीं बार होगा जब वह कुंभ में डुबकी लगाएंगे.

वीडियो: तारीख: कुंभ के बाद नागा साधु कहां लौट जाते हैं?

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