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धर्मस्थला में किसने की सैकड़ों हत्याएं? सरकार ने बनाई SIT, खोपड़ी लेकर कोर्ट पहुंचा था चश्मदीद

धर्मस्थला में एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया है कि उसे 100 से अधिक शवों को दफनाने और जलाने के लिए मजबूर किया गया. अब इस मामले की जांच SIT करेगी.

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सैकड़ों शवों को दफनाने के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थला क्षेत्र में सैकड़ों शवों को कथित तौर पर दफनाने के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है. यह कमेटी कर्नाटक अपर पुलिस महानिदेशक (इंटरनल सिक्योरिटी डिवीजन और साइबर कमांड) प्रणब मोहंती के नेतृत्व में जांच करेगी. इसमें ACP एमएन अनुचेथ, DCP सेंट्रल रेलवे सौम्या लता और SP जितेंद्र कुमार दयामा शामिल हैं. कर्नाटक सरकार ने यह फैसला कर्नाटक राज्य महिला आयोग के एक लेटर के बाद लिया है, जिसमें अदालत में दी गई महिला-बच्चियों के शव को दफनाने और जलाने की एक गवाही का जिक्र है.

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इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज की रिपोर्ट के मुताबिक SIT को कर्नाटक में इस तरह के सभी मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. यह कमेटी जरूरत के हिसाब से किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अपने साथ शामिल कर सकती है. पूरी टीम दक्षिण कन्नड़ जिले के पुलिस ऑफिस से काम करेगी. समय-समय पर केस से जुड़ी जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक (DGP) को देती रहेगी. इसके बाद ही जनकारी सरकार को दी जाएगी. यह आदेश कर्नाटक के राज्यपाल की मंजूरी से जारी किया गया है.

बीती 3 जुलाई को धर्मस्थला पुलिस ने BNS की धारा 211(A) के तहत शिकायत दर्ज की थी. इसमें धर्मस्थला क्षेत्र में काम करने वाले एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया था कि उसे 100 से अधिक शवों को दफनाने या जलाने के लिए मजबूर किया गया. हालांकि, कर्मचारी ने अपनी जान का खतरा बताया था. इसी वजह से उसकी पहचान गुप्त रखी गई है.

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SIT के गठन के बाद 21 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का मामले पर बयान आया. येदियुरप्पा साल 2008 से 2011 तक बीजेपी पार्टी से सीएम रहे. उन्होंने कहा,

 “अगर सरकार ने SIT बनाई है तो बनने दीजिए. मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मुझे लगता है कि वहां कुछ गलत नहीं हुआ है. अगर वे जांच करना चाहते हैं, तो जरूर करें.”

रविवार, 20 जुलाई को कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने मामले पर बात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की मांग स्थानीय लोगों, सामाजिक संगठनों और कम्युनिटी की तरफ से आई है. उन्होंने कहा कि शिकायत करने वालों का कहना है कि कुछ घटनाएं हुई हैं. इसलिए सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. 

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धर्मस्थला क्षेत्र में इस तरह के आरोप के बाद धर्मस्थला मंदिर की तरफ से 20 जुलाई को बयान जारी किया गया. मंदिर के प्रवक्ता के. पार्श्वनाथ जैन ने कहा,

धर्मस्थला पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज हुआ. जिसमें कई शवों को दफनाने का दावा किया गया. इस वजह से देशभर में बहस और भ्रम की स्थिति बन गई है. ऐसे में लोगों और मंदिर प्रशासन, दोनों की यही उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी हो. इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने मामले की जांच SIT को सौंपी है.

प्रवक्ता ने आगे कहा कि किसी भी समाज में सच और भरोसा ही आस्था का आधार होता है. इसलिए उन्हें उम्मीद है कि मामले की सही से जांच होगी और सच्चाई सबके सामने आएगी.

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बता दें कि इसके पहले, 11 जुलाई शुक्रवार को शिकायतकर्ता को बेल्थांगड़ी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. इस दौरान उसका पूरा चेहरा ढका हुआ था. उसके हाथ में शिकायत पत्र और एक बोरी भी थी. जिसमें बताया गया कि इंसानी खोपड़ी थी. कोर्ट में उसने दावा किया कि जिन लाशों को वह दफनाया था. उन्हीं में से एक की खोपड़ी है, जिसे वह सबूत के तौर पर लेकर आया है.

क्या है पूरा मामला?

शिकायत कर्ता ने बताया था कि वह 1995 से 2014 तक धर्मस्थला क्षेत्र में सफाईकर्मी के रूप में काम करता था. इस दौरान उसे कई क्रूर हत्याओं के बाद शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था. उसने बताया कि जिन शवों को दफनाया गया, उनमें कम उम्र की लड़कियां भी शामिल थीं. शवों को देखकर पता चला कि उनके साथ यौन उत्पीड़न हुआ था. पत्र में आगे दावा किया गया कि इसके बाद उनका गला घोंटा गया था.

शिकायत के मुताबिक साल 1998 में जब उसने शवों को दफनाने से इनकार किया और मामले की सूचना पुलिस को सूचना देने जा रहा था, तब उसके सुपरवाइजर ने उसके साथ मारपीट की और मारने की धमकी दी थी. उसने आगे बताया कि धर्मस्थला गांव के आसपास कई जगहों पर इन शवों को दफनाया गया है. इसके अलावा कुछ शवों को जलाने के लिए डीजल का इस्तेमाल भी किया गया.

मामले का खुलासा करने वाले ने यह भी बताया कि साल 2014 में उसके परिवार की एक लड़की के साथ यौन उत्पीड़न हुआ. इसके बाद पूरा परिवार गांव छोड़कर चला गया. वह पड़ोसी राज्य में जाकर रहने लगा. उनका कहना है कि इस सबके पीछे कुछ ‘शक्तिशाली लोग’ शामिल हैं. अगर उसे पर्याप्त सुरक्षा दी जाए, तब ही वह उन लोगों की पहचान उजागर कर पाएगा.

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