'कांवड़ लेकर मत जाना, ज्ञान का दीप जलाना...' ये कविता सुनाने वाले शिक्षक पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने कार्रवाई की है. शिक्षक ABVP के नगर अध्यक्ष थे. इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद, परिषद ने उनको पद से हटा दिया है. साथ ही उनको ABVP से भी बाहर कर दिया है.
'कांवड़ लेकर मत जाना... ' गीत गाने वाले शिक्षक को ABVP ने संगठन से निकाला
ABVP ने कहा है कि परिषद में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है, जो संगठन की विचारधारा से भटकते हैं. उन्होंने शिक्षक को नगर अध्यक्ष पद से हटा दिया है और संगठन से भी बाहर कर दिया है.

ABVP ने तत्काल प्रभाव से डॉ रजनीश गंगवार को नगर अध्यक्ष पद से हटाने की घोषणा की है. उनकी जगह पर डॉ हरिनंदन कुशवाह को नया नगर अध्यक्ष बनाया गया है. ABVP के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
परिषद का कहना है कि ये फैसला ABVP की मर्यादा और सिद्धांतों की रक्षा के लिए जरूरी था. उन्होंने कहा है कि संगठन ने इस मामले की गहराई से समीक्षा की जा रही है और ABVP में उन लोगों के लिए कोई जगह नहीं है, जो संगठन की विचार धारा से भटकते हैं.
क्या है पूरा विवाद?
मामला उत्तर प्रदेश के बरेली का है. शिक्षक और कवि डॉ रजनीश गंगवार एमजीएम इंटर कॉलेज में तैनात हैं. पिछले दिनों प्रार्थना सभा के दौरान, उन्होंने बच्चों के सामने ये कविता सुनाई थी. उन्होंने कहा,
कांवड़ लेकर मत जाना, ज्ञान के दीप जलाना, मानवता की सेवा करके तुम सच्चे मानव बन जाना.
उनका ये वीडियो सोशल वीडियो पर वायरल हो गया. जिसके बाद कुछ लोगों ने उनको निशाना बनाया. कुछ स्थानीय हिंदू संगठनों ने भी उनका विरोध किया. उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई.
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शिक्षक ने क्या कहा?विवाद बढ़ने पर शिक्षक ने एक वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी धार्मिक प्रतीक का अपमान करना नहीं था. रजनीश गंगवार का कहना है कि वो बच्चों को शिक्षा का महत्व बताना चाहते थे और उन्हें सेवा भाव समझाना चाहते थे.
उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज हुई FIR का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार पाखंड को बढ़ावा दे रही है, स्कूल बंद कर रही है और शराब की दुकानें खोल रही है, इसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए.
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