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CJI बीआर गवई ने प्रोटोकॉल तोड़कर जस्टिस बेेला त्रिवेदी को विदाई दी, कार को धक्का लगाया

Supreme Court Bar Association ने Justice Bela Trivedi के लिए फेयरवेल का आयोजन नहीं किया. लेकिन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया B R Gawai ने पारंपरिक प्रोटोकॉल तोड़कर उनको विदाई दी.

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चीफ जस्टिस ने बेहद खास अंदाज में जस्टिस बेला त्रिवेदी को विदाई दी. (इंडिया टुडे)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जस्टिस बेला त्रिवेदी (Justice Bela Trivedi) अपने रिटायरमेंट को लेकर सुर्खियों में रहीं. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (Supreme Court Bar Association) ने उनके लिए फेयरवेल पार्टी का आयोजन नहीं किया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई (B R Gawai) ने प्रोटोकॉल तोड़कर उनको बेहद खास अंदाज में विदाई दी.

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बार एंड बेंच की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केवी विश्वनाथन ने चीफ जस्टिस गवई के खास जेस्चर के बारे में बताया है. जस्टिस विश्वनाथन 52वें चीफ जस्टिस के सम्मान में बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने बताया, 

मुझे आपको जस्टिस गवई के प्रशासनिक गुणों के बारे में कुछ बताना चाहिए. मैं कम से कम एक सीक्रेट तो बताऊंगा ही जिसके लिए मैंने उनकी अनुमति नहीं ली है. एक जस्टिस के तौर पर उन पर कभी भी प्रोटोकॉल का असर नहीं रहा. एक चीफ जस्टिस के तौर पर दो दिनों में हमें जो देखने को मिला, वह बेहद खास है.

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जस्टिस विश्वनाथन ने बताया, सुप्रीम कोर्ट में यह परंपरा है कि किसी जस्टिस के लास्ट वर्किंग डे के दिन उनको विदाई देने के लिए सभी जस्टिस एंट्री गेट के बरामदे के पास इकट्ठा होते हैं. उन्होंने बताया कि यह बैठक आम तौर पर 1.30 बजे के बाद होता है. सभी जस्टिस नीचे आते हैं. और रिटायर होने वाले जस्टिस भी अपने चैंबर से नीचे आ जाते हैं. लेकिन इस बार ये प्रथा बदल गई.

जस्टिस विश्वनाथन ने आगे बताया, 

हम सभी हैरान रह गए जब चीफ जस्टिस ने अपने ग्राउंड फ्लोर स्थित चैंबर से दो मंजिल ऊपर चलकर जस्टिस बेला त्रिवेदी के चैंबर में पहुंच गए. हमने भी उनको फॉलो किया. उन्होंने जस्टिस त्रिवेदी को उनके चैंबर में सम्मानित किया. और फिर उन्हें पोर्टिको तक ले आएं, जहां उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद जस्टिस त्रिवेदी को कार में बिठाया गया. और सभी जजों ने प्रतीकात्मक रूप से कार को धक्का दिया.

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जस्टिस विश्वनथन ने जस्टिस गवई के इस कदम को एक स्वस्थ मिसाल और दिल छू लेने वाला जेस्चर करार दिया. उन्होंने कहा कि ये एक स्वस्थ मिसाल कायम हुई है. और साथ में उम्मीद जताई कि आगे भी इसका पालन किया जाएगा.

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