झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में 5 बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें से 7 साल का एक बच्चा थैलेसीमिया का पेशेंट भी है. घटना चाईबासा के सरकारी अस्पताल की है. बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है. राजधानी रांची से एक हाई-लेवल मेडिकल टीम अस्पताल के ब्लड बैंक की जांच करने चाईबासा पहुंची है.
5 मासूमों को थी ब्लड की जरूरत, सरकारी अस्पताल ने ऐसा खून चढ़ाया, सभी एचआईवी पॉजिटिव हो गए
Jharkhand Children HIV Positive: जब मामले पर बवाल बढ़ा और हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया तो मेडिकल टीम ने जांच की. जांच के दौरान ब्लड बैंक में कई खामियां मिलीं. ब्लड सैंपल की जांच, रिकॉर्ड का रखरखाव और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन में बड़ी खामियां पाई गई हैं.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला शनिवार, 25 अक्टूबर को सामने आया है. एक थैलेसीमिया (एक तरह का ब्लड डिसऑर्डर) से पीड़ित बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया था कि चाईबासा सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में उसे HIV संक्रमित ब्लड चढ़ाया गया था. शिकायत के बाद झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के नेतृत्व में आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय मेडिकल टीम भेजी है.
फिर कई बच्चे पॉजिटिव निकलेशनिवार 25 अक्टूबर को टीम के निरीक्षण के दौरान थैलेसीमिया से पीड़ित 4 और बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए. इसी के साथ HIV पॉजिटिव नाबालिगों की कुल संख्या 5 हो गई. इन सभी बच्चों को अस्पताल में ब्लड चढ़ाया जा रहा था. डॉ. दिनेश कुमार ने मीडिया को बताया,
“शुरुआती जांच से संकेत मिलता है कि एक थैलेसीमिया पेशेंट्स को संक्रमित खून चढ़ाया गया था. जांच के दौरान ब्लड बैंक में कुछ गड़बड़ियां पाई गई हैं. संबंधित अधिकारियों को उन्हें दूर करने के निर्देश दिए गए हैं.”
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फिलहाल, अस्पताल के ब्लड बैंक को सिर्फ इमरजेंसी के तौर पर ही इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है. अगले कुछ दिनों तक ब्लड बैंक से सिर्फ बेहद गंभीर मामलों में ही ब्लड दिया जाएगा.
जांच करने वाली मेडिकल टीम ने ब्लड बैंक और पीडिएट्रिक ICU का दौरा किया. टीम ने प्रभावित बच्चों के परिवारों से भी बातचीत की. जांच के दौरान मेडिकल टीम को ब्लड बैंक में कई खामियां मिलीं. ब्लड सैंपल की जांच, रिकॉर्ड का रखरखाव और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन में बड़ी खामियां पाई गईं. मेडिकल टीम ने इन गड़बड़ियों की रिपोर्ट बनाकर राज्य स्वास्थ्य विभाग को सौंपी है.
जिला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी का कहना है कि इन्फेक्शन कैसे फैला, यह पता लगाने के लिए विस्तार से जांच चल रही है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि इन्फेक्शन सिर्फ ब्लड चढ़ाने से हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि HIV इन्फेक्शन वाली सुइयों के संपर्क में आने से भी हो सकता है.
उधर, मंझारी जिला परिषद के सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने कहा कि यह घटना “निजी दुश्मनी” का नतीजा हो सकती है. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक के एक कर्मचारी और बच्चे के रिश्तेदार के बीच झगड़ा चल रहा था, जो पिछले एक साल से कोर्ट में पेंडिंग है.
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञानमामला अब झारखंड हाईकोर्ट पहंच गया है. अदालत ने संज्ञान लेते हुए राज्य के स्वास्थ्य सचिव और जिले के सिविल सर्जन से रिपोर्ट तलब की है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, वर्तमान में पश्चिमी सिंहभूम जिले में 515 HIV पॉजिटिव मामले और 56 थैलेसीमिया के मरीज हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस ब्लड डोनेशन से जुड़े सभी डोनर्स का पता लगाएं ताकि इस बीमारी को और फैलने से रोका जा सके.
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