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'नीतीश कुमार में हिंदू महिला का घूंघट हटाने की हिम्मत है?', जावेद अख्तर ने बुरी तरह सुनाया

Bihar Muslim Woman Hijab: Javed Akhtar ने कहा कि वे पर्दे का विरोध करते हैं, लेकिन इस मामले में वे महिला की गरिमा की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि Nitish Kumar को इंसानियत के नाते मुस्लिम महिला डॉक्टर से माफी मांगनी चाहिए.

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जावेद अख्तर (बाएं) ने मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब खींचने पर नीतीश कुमार का विरोध किया. (PTI)

मशहूर गीतकार और शायर जावेद अख्तर ने हिजाब विवाद पर एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की. उन्होंने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि मुस्लिम महिला का हिजाब खींचने के लिए नीतीश को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि ‘नीतीश को पता था कि मुस्लिम महिला है, तो वे बच जाएंगे’. जावेद अख्तर ने सवाल किया कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री किसी हिंदू महिला का घूंघट हटाने की हिम्मत कर सकते हैं?

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इंडिया टुडे टीवी के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ एक इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने हिजाब खींचने पर अपनी बात रखी. उन्होंने नीतीश की इस हरकत को 'अशोभनीय' बताया. जावेद अख्तर ने कहा कि अगर कोई धर्म में विश्वास नहीं करता या नास्तिक है, तो भी उसे दूसरों की बेइज्जती करने का हक नहीं है.

बॉलीवुड गीतकार ने इस इंटरव्यू में कहा,

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"आप किसी भी रूढ़िवादी हिंदू परिवार में, हिंदू समाज में देख सकते हैं कि भारत में अभी भी कई जगहें ऐसी हैं जहां महिलाएं लंबे घूंघट करती हैं. यह हिजाब जितना ही बुरा है, शायद उससे भी बदतर, क्योंकि इसमें आप आंखें भी नहीं खोल पाते. तो आप जाकर उसे खींच लेंगे. भला कोई ऐसा कैसे कर सकता है? कोई भी ऐसा कैसे कर सकता है?

नीतीश, अगर आप भारत के उन इलाकों में जाते, जहां की औरतें लंबे घूंघट करती हैं, तो क्या आप वहां घूंघट हटाने की हिम्मत करते? क्या आप ऐसा करने की हिम्मत करते?"

जावेद अख्तर ने दोहराया कि वे नास्तिक हैं और धर्म में विश्वास नहीं रखते. उन्होंने आगे कहा कि धर्म में विश्वास ना करने का मतलब यह नहीं कि कोई किसी इबादत कर रहे इंसान को मंदिर, मस्जिद या चर्च से बाहर निकाल दे. अख्तर ने कहा कि वे पर्दे का विरोध करते हैं, लेकिन इस मामले में वे महिला की गरिमा की बात कर रहे हैं.

जावेद अख्तर आगे कहते हैं,

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"मैं उनकी गरिमा के लिए लड़ रहा हूं और मैं कहता हूं कि यह गलत है. मेरा मानना ​​है कि नकाब गलत है, मेरा मानना ​​है कि हिजाब गलत है, मेरा मानना ​​है कि पर्दा गलत है, लेकिन यह हरकत भी गलत है. मैं धर्म में विश्वास नहीं करता, तो क्या मैं किसी इबादत करते इंसान को हटा सकता हूं? मैं नास्तिक हूं. अगर अभी भी आपको शक है, तो बड़ा मुश्किल है भाई. मैंने तो बहुत सजाएं झेली हैं."

सीएम नीतीश कुमार ने पिछले हफ्ते एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने एक कार्यक्रम में आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र देते समय एक मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब उनकी मर्जी के बिना खींच दिया, जिसका वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता को महिला को नियुक्ति पत्र देने के बाद उसके हिजाब की तरफ इशारा करते हुए देखा गया.

उन्होंने महिला से हिजाब के बारे में पूछा और उसे हटाने के लिए कहा, जिसके बाद उन्होंने खुद ही उसे खींच लिया. इस घटना पर विपक्ष के साथ-साथ सोशल मीडिया यूजर्स ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी. जावेद अख्तर का मानना ​​है कि नीतीश कुमार की यह हरकत 'पुरुषवादी, अहंकारी और शक्तिशाली' रवैये से आई है जो यह दिखाता है कि 'मैं सबका राजा हूं.'

जावेद अख्तर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के विवादास्पद बयानों पर भी टिप्पणी की. गिरिराज ने नीतीश का बचाव करते हुए कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री ने 'अभिभावक' की भूमिका निभाई थी, क्योंकि नियुक्ति पत्र लेते समय चेहरा दिखाना जरूरी है. मुस्लिम महिला डॉक्टर के नौकरी ना जॉइन करने की खबरों पर गिरिराज ने कहा था,

"वो इनकार करे या जहन्नुम में जाए."

अख्तर ने तंज भरे लहजे में कहा,

"दरअसल, मैं गिरिराज सिंह की सराहना करता हूं. उनके इस बयान के लिए नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व के लिए, क्योंकि वे बेदाग हैं. वे ईमानदार हैं... उनके जैसे ज्यादातर लोग यही सोचते हैं. बस यही बात है. लेकिन वे इकलौते ईमानदार या बेकसूर इंसान हैं जो पूरी ईमानदारी से अपनी बात कहते हैं. इसलिए, हमें गिरिराज सिंह की बातों को बहुत ध्यान से सुनना चाहिए, क्योंकि यही उनकी मान्यता है, यही उनकी विचारधारा है. वे वही कहते हैं जो उनके ग्रुप के कई लोग सोचते हैं."

जावेद अख्तर ने कहा कि अगर नीतीश कुमार में जरा भी इंसानियत है तो उन्हें माफी मांगनी चाहिए.

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