आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का साथ देना तुर्किये (Türkiye) के लिए अच्छा साबित नहीं हो रहा है. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के बाद अब भारत की एक और यूनिवर्सिटी ने तुर्किये की यूनिवर्सिटी से अपना नाता तोड़ लिया है. ये यूनिवर्सिटी है नई दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia). यूनिवर्सिटी ने गुरुवार 15 मई को एलान किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तुर्किए गणराज्य की सरकार से संबद्ध (Affiliated) किसी भी संस्थान से किया गया हर समझौता (Memorandum of Understanding, MoU) यूनिवर्सिटी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रही है. ये निलंबन अगले आदेश तक जारी रहेगा.
पाकिस्तान का 'पक्का दोस्त' बन रहे तुर्किये को एक और झटका, JNU के बाद जामिया ने भी तोड़ा नाता
जामिया यूनिवर्सिटी ने कहा है कि उसने तुर्किये के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और प्रतिष्ठान से सहयोग निलंबित कर दिया है. हम सरकार और देश के साथ खड़े हैं.
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‘एक्स’ पर ये जानकारी पोस्ट करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने लिखा है,
जामिया मिलिया इस्लामिया राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा है.
जामिया की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर साइमा सईद ने एनडीटीवी को बताया,
जामिया ने तुर्किये के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और प्रतिष्ठान से सहयोग निलंबित कर दिया है. हम सरकार और देश के साथ खड़े हैं. अगली सूचना तक सब कुछ निलंबित है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जामिया से पहले जेएनयू ने भी बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये में इनोनू विश्वविद्यालय (Inonu University) के साथ अपना समझौता ज्ञापन (MoU) निलंबित कर दिया था. जेएनयू ने 3 फरवरी को तुर्किये की इस यूनिवर्सिटी से 3 साल के लिए शैक्षणिक साझेदारी का समझौता किया था. इसका मकसद क्रॉस-कल्चरल रिसर्च और स्टूडेंट एक्सचेंज को बढ़ावा देना था.
जेएनयू-जामिया की तरह हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) ने भी ऐसा ही कदम उठाया और गुरुवार को तुर्किये के यूनुस एमरे संस्थान के साथ अपने शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (MoU) को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया.
पाकिस्तान का साथ देने पर कार्रवाईबता दें कि आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य संघर्ष छेड़ दिया था. इस दौरान तुर्किये ने पाकिस्तान की मदद की थी और उसके साथ खड़े होने का एलान किया था. पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई के दौरान प्रेस ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया था कि पाकिस्तान के ध्वस्त किए गए ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जांच की गई, जिसमें पता चला कि ड्रोन तुर्किये में बना है.
इसके बाद भारत के लोगों में तुर्किये को लेकर काफी आक्रोश है. बता दें कि तुर्किये का यह कदम भारत के लिए बड़ा झटका था क्योंकि साल 2023 में वहां आए भीषण भूकंप के दौरान भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाकर उसकी मदद की थी.
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