The Lallantop

जैसलमेर: खुदाई के दौरान पानी निकलना चौंकाने वाला था, अब विशेषज्ञों ने जो कहा वो और भी चौंकाने वाला है

Jaisalmer के एक खेत में लगातार 3 दिन तक पानी का तेज प्रवाह निकलता रहा. इतना कि खेत ही नदी बन गई. अब उसके रुकने के बाद भू-जल वैज्ञानिकों ने पानी के 60 लाख साल पुराना की होने की संभावना जताई है.

Advertisement
post-main-image
भू-जल विशेषज्ञों के दावों ने सबको चौंका दिया है. (फ़ोटो - आजतक)

राजस्थान के जैसलमेर ज़िले का मोहनगढ़ इलाक़ा. यहां ट्यूबवेल की ख़ुदाई के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको चौंका दिया. जहां खुदाई हो रही थी वहां प्राकृतिक रूप से पानी निकलने लगा. तीन दिनों तक पानी का जलजला निकलता रहा. गैस का अचानक विस्फोट भी हुआ, जिससे बड़े इलाक़े में पानी फैल गया. पानी का प्रवाह इतना था कि उस जगह से 500 मीटर के दायरे तक ना जाने के लिए निर्देश दिए गए थे. आखिरकार 28 दिसंबर से निकल रहा ये पानी 30 दिसंबर को बंद हो गया. साथ ही, गैस का रिसाव भी रुक गया. 

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

ये घटना अपने आप में चौंकाने वाली है. लेकिन भू-जल विशेषज्ञों ने इसे लेकर जो दावे किए हैं, वो और भी चौंकाने वाले हैं. उनका मानना है कि ये पानी करीब 60 लाख साल पुराना हो सकता है. 

आजतक की ख़बर के मुताबिक़, भू-जल विशेषज्ञों ने बताया है कि ज़मीन से टर्शरी काल की रेत निकली है. ऐसे में पानी लगभग 60 लाख साल पुराना हो सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना की स्टडी की ज़रूरत है. और स्टडी के लिए ज़रूरी है कि कुएं खोदे जाएं. 30 नवंबर को सीनियर भू-जल वैज्ञानिक डॉ. नारायण इनखिया समेत अन्य अधिकारी घटना वाली जगह पर पहुंचे थे. उन्होंने स्थिति का जायजा लिया है.

Advertisement

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, डॉ. नारायण इनखिया ने बताया कि घटना के पीछे आर्टेसियन स्थिति हो सकती है. उन्होंने कहा,

घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह का संकेत हो सकती है. यहां से निकलने वाला पानी ग्राउंड हाइड्रोलॉजी की भाषा में आर्टेसियन स्थिति के कारण निकल रहा है. पानी को सहेजने वाली भूगर्भीय परत बलुआ पत्थर और मिट्टी की मोटी परत से दबी हुई है. करीब 200 मीटर मोटी इस परत को पार करके जैसे ही मूल जल परत तक पहुंचते हैं, तो दबाव के कारण पानी ऊपर की ओर बहने लगता है.

ब्रिटेनिका की ख़बर के मुताबिक़, टर्शरी काल के अंतर्गत आज से 660 लाख से 26 लाख साल पहले का समय आता है. आर्टेसियन स्थिति के बारे में बताएं, तो पानी मिट्टी की मोटी परत से दबा होता है. और जब ज़मीन को ड्रिल किया जाता है, तो एक साथ बहुत पानी निकलता है.

Advertisement

मामला क्या है?

28 दिसंबर की सुबह क़रीब 10 बजे BJP नगर मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल की खुदाई शुरू हुई. जब लगभग 850 फ़ीट तक खुदाई हुई, तो पानी का तेज़ प्रेशर शुरू हो गया. प्रेशर इतना था कि पानी लगभग 10 फ़ीट तक ऊंची उठ रही थी. ऐसे में पानी खेत में नदी की तरह बहने लगा. फिलहाल 3 दिनों तक लगातार पानी के निकलने के बाद अब रुक गया है.

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पानी का रिसाव फिर शुरू हो सकता है और इससे जहरीली गैस भी निकल सकती है. ज़िले के अधिकारियों ने निर्देश जारी कर दिए हैं कि खुदाई वाली जगह के 500 मीटर के दायरे से दूर रहें. इस मनाही के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 भी लगाई गई है. 

वीडियो: Lucknow: चारबाग स्टेशन पर सफाईकर्मी ने सो रहे यात्रियों पर पानी फेंका

Advertisement