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ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट करने वाले प्रोफेसर अली खान को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

Ashoka University के प्रोफेसर Ali Khan Mahmudabad को रविवार, 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. उन पर Operation Sindoor की Colonel Sofiya Qureshi ओर Wing Commander Vyomika Singh पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है.

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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. (facebook.com/AliMahmudabad)

अशोका यूनिवर्सिटी (Ashoka University) के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Ali Khan Mahmudabad) को ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर विवादित पोस्ट करने के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हरियाणा पुलिस ने प्रोफेसर महमूदाबाद की सात दिन की रिमांड मांगी, लेकिन सोनीपत की एक अदालत ने उन्हें 14  दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया.

इंडिया टुडे से जुड़े पवन की रिपोर्ट के मुताबिक, अशोका यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के हेड महमूदाबाद को रविवार, 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर सशस्त्र बलों की आलोचना और महिला अधिकारियों- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह लिए अपमानजनक पोस्ट किया था. ये दोनों महिला अफसर ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग का चेहरा थीं.

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के वकील कपिल देव बालियान ने मीडिया से बात करते हुए कहा,

"पुलिस ने उन्हें पहले ही दो दिन की पुलिस हिरासत में ले लिया था. आज हिरासत अवधि खत्म हो रही थी, इसलिए उन्होंने सात दिन की और हिरासत मांगी और एक आवेदन दिया. हमने इसका विरोध किया. अदालत ने सभी तथ्यों को देखा और इनकी सात दिन की रिमांड की मांग को खारिज कर दिया. यह हमारी छोटी सी न्याय की जीत हुई है. अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अगली रणनीति बेल की रहेगी या हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, उसके बाद ही हम कुछ कह पाएंगे. उन्हें झूठा फंसाया गया है."

2017 में प्रोफेसर महमूदाबाद कुछ समय तक समाजवादी पार्टी में रहे थे. हरियाणा में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी ने उनके सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर उनके खिलाफ शिकायत की थी. हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी एक अलग मामला दर्ज किया है. इसके बाद प्रोफेसर महमूदाबाद की गिरफ्तारी हुई.

हालांकि, प्रोफेसर महमूदाबाद ने दावा किया कि उन्होंने अपने पोस्ट में कुछ भी गलत नहीं लिखा. उन्होंने जोर दिया कि उनके लिखे पोस्ट को गलत तरीके से समझा गया है.

प्रोफेसर महमूदाबाद के जिस पोस्ट को महिला सैन्य अधिकारियों के लिए अपमानजनक और देश-विरोधी बताया जा रहा है, वो उन्होंने 8 मई को लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा है,

"मैं कर्नल सोफिया कुरैशी की तारीफ करने वाले बहुत से दक्षिणपंथी विचारकों को देखकर बहुत खुश हूं, लेकिन शायद वे उतनी ही जोर से यह भी माग कर सकते हैं कि मॉब लिंचिंग, मनमाने ढंग से बुलडोजर चलाने और भाजपा के नफरत फैलाने के शिकार लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए. दो महिला सैनिकों का अपने निष्कर्षों को पेश करने का नजरिया महत्वपूर्ण है, लेकिन यह नजरिया जमीन पर हकीकत में बदलना चाहिए, वरना यह केवल दिखावा है."

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य महिला आयोग ने जो समन उन्हें दिया है, वो ये बताने में नाकाम रहा कि उनका पोस्ट महिलाओं के अधिकारों या कानूनों के उलट कैसे है. उन्होंने कहा कि वे इस बात की तारीफ करते हैं कि कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया.

वीडियो: सवाल- प्रोफेसर खान के पोस्ट में क्या एंटी नेशनल था, रेणु भाटिया कोई जवाब ही नहीं दे पाईं